इटावा। नगर पालिका परिषद के वरिष्ठ लिपिक राजीव यादव की आत्महत्या का मामला अब सियासी रंग ले चुका है। शिकोहाबाद के पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री अशोक यादव बुधवार को अपने समर्थकों के साथ दिवंगत राजीव यादव के आवास पहुंचे। उन्होंने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी और उन्हें हर कानूनी लड़ाई में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।

न.पा. अध्यक्ष और पति संटू गुप्ता पर प्रताड़ना का आरोप
मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री अशोक यादव ने इस दुखद घटना के लिए समाजवादी पार्टी से जुड़ीं नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति गुप्ता और उनके पति कुलदीप गुप्ता उर्फ संटू समेत अन्य लोगों को सीधा जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव यादव को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।
अशोक यादव ने स्पष्ट किया कि यदि समाजवादी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस संवेदनशील मामले पर चुप्पी साधे रखता है, तो वे स्वयं विधानसभा में जाकर पीड़ित परिवार के लिए न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।
“यह मेरी निजी लड़ाई” – सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष का ऐलान
यादव ने इस मौके पर सैफई परिवार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इटावा को जानबूझकर दूसरे दर्जे का बना दिया गया है, जबकि सैफई को सदैव प्राथमिकता दी जाती रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इटावा को उसका उचित हक और सम्मान मिलना चाहिए।
पूर्व मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा, “यह सिर्फ राजीव यादव के परिवार की लड़ाई नहीं है, अब यह मेरी अपनी लड़ाई है। मैं इस परिवार के साथ हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई लडूंगा।” उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने अपनी अधिवक्ता बेटी से भी इस विषय पर चर्चा की है, जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से वकालत कर वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं। उनकी बेटी का मानना है कि इस केस में धाराओं को बढ़ाया जाना चाहिए और बीएनएस कुछ धाराएं बढ़ने की पूरी गुंजाइश है।

चुनावी मैदान में उतरने की चेतावनी
मीडिया से बातचीत के अंत में, अशोक यादव ने समाजवादी पार्टी के मुखिया को सीधी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर सपा प्रमुख ने पीड़ित परिवार से मुलाकात नहीं की और उन्हें सांत्वना नहीं दी, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में वह सपा के खिलाफ मैदान में उतरकर उन्हें रोकने का हर संभव प्रयास करेंगे।
सर्वजन सुखाए पार्टी के अध्यक्ष शिवप्रसाद यादव सहित अन्य राजनीतिक पदाधिकारी भी वार्ता में शामिल रहे।
