इटावा को तीन ओवर ब्रिज की सौगात: सांसद जितेंद्र दोहरे के प्रयास से रेल मंत्री ने दी मंजूरी

इटावा।जनपद के नागरिकों को जल्द ही यातायात जाम से बड़ी राहत मिलने वाली है। इटावा के सांसद जितेंद्र दोहरे के अथक प्रयासों के बाद, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जनपद में तीन नए ओवर ब्रिज और एक पैदल ओवर ब्रिज के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

​सांसद जितेंद्र दोहरे ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेल मंत्री से मिलकर इटावा जनपद के नागरिकों की वर्षों पुरानी समस्याओं को उनके समक्ष रखा गया था, जिस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए स्वीकृति प्रदान की गई है।

​सांसद दोहरे ने बताया कि स्वीकृत होने वाले प्रमुख निर्माण कार्य निम्नलिखित हैं।

  1. मेहरा चुंगी फाटक: इस फाटक पर ओवर ब्रिज पुल का निर्माण किया जाएगा, जो इटावा के पुराने भरथना रोड पर स्थित है। यह स्थान जाम की बड़ी समस्या के लिए जाना जाता है, जिससे स्कूली बच्चों और मरीजों को ले जा रही एम्बुलेंस को घंटों इंतजार करना पड़ता था।
  2. मलाजनी: मलाजनी में भी नेशनल हाईवे पर एक फूट ओवर ब्रिज के निर्माण को मंजूरी मिल गई है।
  3. भरथना: भरथना विधानसभा में बिजौली सराय मिट्ठे  के पास एक पैदल ओवर ब्रिज (Foot Over Bridge) का निर्माण किया जाएगा।
  4. अजीतमल: अजीतमल में भी एक ओवर ब्रिज के निर्माण को स्वीकृति मिली है।

​सांसद ने रेल मंत्री का जताया आभार

​सांसद जितेंद्र दोहरे ने प्रेस वार्ता में कहा कि वह इटावा जनपद के नागरिकों द्वारा दी गई जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का हृदय से आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से ये महत्वपूर्ण परियोजनाएं इटावा को मिली हैं।

​सांसद ने यह भी बताया कि वह इटावा में मानिकपुर मोड से बसरेहर तक करीब 11 किलोमीटर का एक बाईपास की मंजूरी दिलाने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि इसकी स्वीकृति भी जल्द ही मिल जाएगी।

​ओवर ब्रिज पुल निर्माण की सूचना से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर.

​ओवर ब्रिज की मंजूरी की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। स्थानीय निवासी नरेंद्र कुशवाहा ने सांसद जितेंद्र दोहरे का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्य अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा, “यहां की जनता बहुत परेशान थी। फाटक खुलने का इंतजार करते हुए स्कूली बच्चों और एम्बुलेंसों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इन पुलों के निर्माण के बाद लोगों को वास्तव में बड़ी राहत मिलेगी।”

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