यात्रियों से भरी प्राइवेट बस अनियंत्रित हो मकान में घुसी,13 यात्री घायल

जसवंतनगर,इटावा।
जसवंतनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार की अलख सुबह सवारियों से भरी एक ट्रैवलर्स बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बने मकान में जा घुसी,दुर्घटना से सवारियों में चीखपुकार मच गई। हादसे में 17 सावरिया गंभीर घायल हो गई जिनमें से चार की स्थिति नाजुक देखते हुए रेफर कर दिया गया,जबकि 28 अन्य सवारियों को हल्की-फुल्की चोटें आई।केबिन में फंसे ड्राइवर को पुलिस प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला है।
बुधवार को अलख सुबह थाना क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर आगरा से कानपुर जाने वाली सड़क पर ग्राम नगला नवल के सामने दिल्ली से आ रही कल्पना ट्रैवल्स एजेंसी की प्राइवेट डबल डेकर बस आगे जा रहे एक अज्ञात ट्रक द्वारा अचानक टर्न लेने के कारण उसे बचाने के चक्कर में बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खाली पड़े प्लॉट के बगल में बने मकान में जा घुसी। हादसे के बाद सवारियो में चीख पुकार मच गई। बस का ड्राइवर बुरी तरह केबिन में फस गया। चीख पुकार से इकट्ठे हुए ग्रामीण और सूचना पर तत्काल पहुंचे सीओ नागेंद्र चौबे थाना निरीक्षक राम सहाय सिंह ने सबसे पहले दुर्घटना में घायल हुए विष्णु विश्वकर्मा पुत्र राजकुमार विश्वकर्मा निवासी ग्राम बहेड़ा थाना पनकी कानपुर उम्र करीब 40 वर्ष,योगिता शुक्ला पत्नी राजीव शुक्ला निवासी गोविंदनगर कानपुर उम्र करीब 32 वर्ष,गिरिजा शंकर पुत्र सुखवा शर्मा निवासी लोनी गाजियाबाद उम्र करीब 65 वर्ष,दिलीप कुमार पुत्र दिनेश नारायण निवासी नारायणपुर थाना कोतवाली औरैया उम्र करीब 35 वर्ष,शिव कुमार पुत्र सिद्धार्थ सिंह राजपूत निवासी उदी मोड़ इटावा उम्र करीब 45 वर्ष,गीता प्रजापति पत्नी प्रमोद कुमार प्रजापति जिला हमीरपुर उम्र करीब 35 वर्ष,मंजू पत्नी स्वर्गीय राजू सिंह उम्र करीब 40 वर्ष व उसका बेटा जय उम्र करीब 17 वर्ष,निवासी पनकी कानपुर देहात,शमा परवीन पत्नी हबीबुल्लाह निवासी उन्नाव उम्र करीब 50 वर्ष,मेहंदी पुत्र मकसूद उम्र करीब 36 वर्ष,साना परवीन पत्नी मेहंदी उम्र करीब 32 वर्ष दोनों निवासी कानपुर नगर, नूरजहां पत्नी मोहम्मद मियां उम्र करीब 32 वर्ष निवासी उन्नाव,अंकित द्विवेदी पुत्र प्रमोद कुमार द्विवेदी निवासी अकबरपुर कानपुर देहात उम्र करीब 35 वर्ष,मुकेश यादव पुत्र राजेंद्र कुमार निवासी जिला फतेहपुर उम्र करीब 22 वर्ष,ललिता पुत्री गिरजा शंकर शर्मा निवासी लोनी गाजियाबाद उम्र करीब 20 वर्ष,अभिषेक पुत्र राज बहादुर बस परिचालक निवासी रसधान कानपुर देहात उम्र करीब 26 वर्ष को चार एंबुलेंस के ईएमटी अनूप कुमार कुलदीप उपेंद्र रवि यादव पायलट हिमांशु यादव सत्येंद्र यादव सतीश यादव के जरिए इलाज हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। वही केबिन में बुरी तरह फंसे बस चालक रोहित कुशवाह पुत्र छेदीलाल निवासी रावतपुर कानपुर उम्र करीब 32 वर्ष को हाइड्रा और कटर की मदद से लगभग एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाल कर इलाज हेतु भेजा। 17 गंभीर घायलों में से चार की चिंता जनक स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने बस चालक रोहित,विष्णु,योगिता, गिरिजा शंकर को रेफर कर दिया। बस में सवार कल 45 यात्रियों में से अन्य 28 सवारियों को हल्की-फुल्की छोटे आई जिनको प्राथमिक उपचार के बाद पुलिस प्रशासन ने अन्य बसों से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया। वही दुर्घटना स्थल पर इकट्ठी भीड़ और वाहनों को हटवा कर यातायात सुचारू करवाया।

केबिन में फंसे चालक को मौके पर ही दिया प्राथमिक उपचार

घटना सुबह साढ़े 4 बजे के आसपास की है बस में सफर कर रहे अधिकतर सवारियां सो रही थी जैसे ही बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खाली प्लॉट के बगल से मकान में जा घुसी तो हवा में मिट्टी के धुएं जैसा गुब्बार उठ गया बस में बैठी सवारियों में चीख पुकार मच गई। मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन ने घायलो को बस के दरवाजे व शीशा तोड़कर सबसे पहले घायल बाहर निकाल कर उपचार के लिए सीएचसी भेजा। वही बस केबिन में बुरी तरह फंसे ड्राइवर रोहित को पहले हाइड्रा की मदद से निकालने की कोशिश की गई असफल होने पर कटर द्वारा केबिन काटकर करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे बाहर निकला गया।इस दौरान सीओ नागेंद्र चौबे और इंस्पेक्टर राम सहाय सिंह बस चालक रोहित को हिम्मत बधाते रहे।बुरी तरह दर्द से कहार रहे ड्राइवर को सीओ इंस्पेक्टर ने मौके पर ही डॉक्टर बुलाकर प्राथमिक उपचार दिलवाया। केबिन से निकलने के बाद उसे इलाज हेतु अस्पताल भेजा।

बेटे को चूमती हुई फफक कर रोई मां

अपने रिश्तेदार के यहां दिल्ली से वापस लौट रही पनकी कानपुर की रहने वाली मंजू देवी अपने इकलौते बेटे 17 वर्षीय जय के साथ बस में यात्रा कर रही थी। दुर्घटना के बाद अपनी नाक से बह रहे खून की परवाह किए बगैर जख्मी हुए अपने बेटे जय को चूमती हुई फफक फफक रोते हुए बोली ईश्वर आपका कोटि-कोटि शुक्रिया मेरे जीने का एकमात्र सहारा मेरा बेटा जय ही है। मेरे पति का पहले ही देहवसान हो गया है। इसी तरह कानपुर के रहने वाले एक ही परिवार के मेहंदी आलम उसकी पत्नी सना परवीन दो बहने शमा परवीन और नूरजहां बस में दो छोटे बच्चों कुल छह लोग अपनी बड़ी बहन के यहां दिल्ली में मातमपोशी में शामिल होकर वापस कानपुर लौट रहे थे। दुर्घटना से परेशान सभी ने अल्लाह का शुक्रिया किया कि सभी बच गए कोई जनहानि नहीं हुई।

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