यांत्रिक खंड लोक निर्माण व प्लांट गुपचुप तरीके से मिर्ज़ापुर ले जाने की तैयारी, गुणवत्तापूर्ण सड़कों पर संकट!

एक अधिकारी के निजी स्वार्थ के चलते होगा कई लोगों का अहित विकास कार्यों में आएगी बाधा

​इटावा, उत्तर प्रदेश। वित्तीय वर्ष के मध्य में ही लोक निर्माण विभाग (PWD) इटावा के यांत्रिक खंड में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विभाग के 40-60 TPH क्षमता वाले हॉट मिक्स प्लांट को गुपचुप तरीके से स्थानांतरित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे इटावा में सड़क निर्माण की गुणवत्ता और सरकारी विकास कार्यों पर सीधा संकट मंडरा रहा है।
​प्लांट के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के अनुसार, पुराना आगरा रोड सराय एसर स्थित यह संयंत्र पूरी तरह से चालू और उत्कृष्ट स्थिति में है, लेकिन इसे स्थानांतरित करने के लिए जानबूझकर “बंद” दिखाया जा रहा है। यांत्रिक खंड का कार्यालय मोतीझील पर स्थित है।

निजी स्वार्थ के चलते स्थानांतरण का आरोप
​सूत्रों के अनुसार, इस पूरे प्रायोजित स्थानांतरण के पीछे विभाग के अधिशाषी अभियंता अमित त्रिपाठी का निजी स्वार्थ है। आरोप है कि संबंधित अधिकारी मिर्ज़ापुर में अपनी सुविधा और घर से दूरी कम करने के चलते, प्लांट को मिर्ज़ापुर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
​यह भी बताया गया है कि इस स्थानांतरण को अंजाम देने के लिए, अधिशाषी अभियंता ने जनप्रतिनिधियों की अनुमति लिए बिना ही, मुख्य तथ्यों और पत्राचार को छुपाते हुए, शासन में लंबित प्रस्ताव को वित्तीय वर्ष के मध्य में ही मंज़ूरी दिलवा दी। इससे उच्च अधिकारियों को भी अंधेरे में रखे जाने का संदेह है।

गुणवत्ता और विकास कार्य बाधित होने का खतरा
​प्लांट के स्थानांतरण से इटावा के लिए सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो जाएंगे। यदि विभागीय प्लांट हटा दिया जाता है, तो सड़कों के निर्माण के लिए प्राइवेट कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ेगा। कर्मचारियों का मानना है कि प्राइवेट कंपनियाँ गुणवत्तापूर्ण मटेरियल उपलब्ध नहीं करा पाएंगी, जिससे अच्छी और टिकाऊ सड़कों का निर्माण होना मुश्किल हो जाएगा।
​यह प्रयास ऐसे समय में हो रहा है जब बरसात समाप्त होने के उपरांत ‘दिवाली तक गड्डा मुक्ति’ के कार्य शुरू होने का समय है। यांत्रिक खंड लोक निर्माण विभाग इटावा को इस वित्तीय वर्ष (2025-26) में सभी सिविल खंडों से रोड मरम्मत और नवीनीकरण के कई महत्वपूर्ण कार्य करने हैं।
​चालू अवधि में खंड स्थानांतरण होने से शासकीय विकास कार्यों का बाधित होना निश्चित है, जबकि इस प्लांट की यहाँ अति आवश्यकता है।


संविदा कर्मचारियों ने प्लांट की उच्च क्षमता बताई
​प्लांट पर कार्यरत कर्मचारियों ने इस कदम का कड़ा विरोध किया है। प्राइवेट कर्मचारी शैलेंद्र ने बताया कि उन्होंने विश्वकर्मा जयंती पर अधिशाषी अभियंता अमित त्रिपाठी से बात की थी, जिन्होंने आश्वासन दिया था कि स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।


​चालक संतराम यादव ने प्लांट का इतिहास बताते हुए कहा कि यह 1990 से स्थापित है और पूर्व में छिमारा रोड, राय नगर से कार्य पूरा होने के बाद वापस सराय एसर में सुचारू रूप से चालू किया गया था। यादव ने दावा किया कि प्लांट 437 परफॉर्मेंस के आधार पर पूरे उत्तर प्रदेश में दूसरे स्थान पर है।
​यहां करीब 25 कर्मचारी 2015 से कार्यरत हैं। कर्मचारियों ने बताया कि प्लांट पूरी तरह से चालू है, लेकिन कुछ दिनों से डीजल की सप्लाई नहीं होने के कारण इसे बंद करवा दिया गया है, न कि तकनीकी खराबी के कारण।
​यह आवश्यक है कि उच्च अधिकारी इस मामले की गंभीरता से जांच करें और इटावा के विकास कार्यों को बाधित होने से बचाने के लिए खंड और प्लांट के अवैध स्थानांतरण को तत्काल रोकें।

बताया गया निर्माण विभाग से संबंधित चार खंड है जिसके लिए सिर्फ एक ही यांत्रिक खंड (मैकेनिकल डिविजन) है जिसके माध्यम पूरे जनपद में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्ण विश्वास के साथ किया जाता है।इसके स्थानांतरित होने से कार्य में बाधा आएगी।

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