इटावा।यमुना और चंबल नदियों में आई भयंकर बाढ़ के बाद, इटावा और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच डर का माहौल है। बाढ़ का पानी कम होने के साथ, इन नदियों के घड़ियाल और मगरमच्छ अब रिहायशी इलाकों के करीब नजर आ रहे हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई है।
इटावा में दहशत का माहौल
इटावा शहर के पास स्थित शमशान घाट पर एक विशालकाय घड़ियाल देखे जाने के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बाढ़ का पानी कम होने के बाद इस तरह के जीव अक्सर उन जगहों पर पाए जा रहे हैं जो पहले नदियों से काफी दूर थे। यह स्थिति इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि घड़ियाल और मगरमच्छ दोनों ही अपनी रक्षा के लिए हमला कर सकते हैं, और इनका खेतों या रिहायशी इलाकों में आना लोगों के लिए सीधा खतरा है। यह घड़ियाल उस वक्त दिखाई दिया जब नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष संटू गुप्ता वहां पर एक निर्माण कार्य करा रहे थे।तभी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट उसका वीडियो अपलोड किया।और हिदायद दी कोई भी व्यक्ति यमुना के किनारे न जाए ।और जाए तो वह बहुत सावधानी बरते।
वन विभाग की टीम भी लगातार नजर बनाए हुए है
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, वन विभाग की टीम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। विभाग के अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने और ऐसे किसी भी जानवर के दिखने पर तुरंत जानकारी देने की अपील की है। टीम ने कुछ मगरमच्छों को पकड़ने और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ने के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं। हालांकि, पानी का स्तर पूरी तरह से नीचे न आने के कारण बचाव कार्य में काफी चुनौतियां आ रही हैं।
स्थानीय लोगों के लिए सावधानी बरतने की सलाह
वन विभाग ने स्थानीय निवासियों को कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
लोग नदी के किनारे या पानी भरे क्षेत्रों के पास जाते समय विशेष सावधानी बरतें।
यदि कोई घड़ियाल या मगरमच्छ दिखाई देता है, तो उससे सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
अगर ऐसा प्रतीत हो तो तुरंत वन विभाग या स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दें।
यह स्थिति तब तक बनी रहेगी जब तक कि बाढ़ का पानी पूरी तरह से न उतर जाए और ये जीव वापस नदियों की मुख्य धारा में न चले जाएं। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग मिलकर इस चुनौती का सामना कर रहे हैं ताकि जानमाल के नुकसान को रोका जा सके।