इटावा। इस्लामिया इंटर कालेज में जश्ने मौलाए कायनात हज़रत अली का आयोजन हुआ।कार्यक्रम स्थल मौला अली के चाहने वालों से खचाखच भर गया। हज़रत मौलाना सैय्यद अमीनुल कादरी की तक़रीर सुनने के लिए जनसमूह उमड़ पड़ा और हैदर-हैदर,नारे हैदरी या अली की सदाओं से पंडाल गूंज उठा।
जश्ने मौलाए कायनात कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मालेगांव महाराष्ट्र से आये मौलाना सैय्यद अमीनुल कादरी ने कहा मौला अली काबे में पैदा इससे मौला अली को नहीं बल्कि काबे को इज्जत मिली।मौला अली जब काबे में पैदा हुए तो तीन दिन तक आंखें नहीं खोलीं जब रसूल अल्लाह आये और उन्होंने मौला अली को अपनी गोद मे लिया तो उन्होंने आंखें खोल दीं। मौला अली रसूल अल्लाह से बहुत मोहबब्त करते थे। मौलाना अमीनुल कादरी ने मौला अली की विशेषताओं का जमकर वर्णन किया। कार्यक्रम आयोजक हाजी अजीम वारसी, हाजी रईस अहमद चिश्ती, नदीम वारसी, वाई के शफी चिश्ती ने मुख्य अतिथि सहित अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौलाना अनस रज़ा हाकमी उरई मौजूद रहे तथा संचालन शायर इंतखाब आलम रौनक ने किया। शहवाज अनवर कादरी ने तिलावते कुरान पाक से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मौलाना जाहिद रज़ा कादरी, मौलाना अब्दुल वाजिद अशरफी,मौलाना मोहसिन बरकाती, मौलाना मो.फुरकान रज़ा,डा.सरफराज वारसी,शायर साजिद रज़ा शमीमी सुल्तानपुरी ने शिरकत कर तक़रीर और कलाम पेश कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में हाजी गुड्डू मंसूरी, हाजी हन्नान मंसूरी, मुईन उद्दीन मंसूरी, गुड्डू वारसी, शमीम वारसी, मुन्ना वारसी, बिट्टू, कलाम उद्दीन चिश्ती, अहमद अली वारसी, शकील वारसी, हाजी शेख़ शकील, शेख़ नवाब, सलमान वारसी, मुमताज चौधरी, शावेज़ नक़वी, तनवीर हसन, राहत हुसैन रिज़वी, आरिफ रिज़वी, अमान उल्ला, साजिद अली, फ़ातिक सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
हज़रत मौलाना सैय्यद अमीनुल कादरी की तक़रीर सुनने उमड़ा जनसमूह
