न्यू ओ.पी.डी.ब्लॉक में सम्पन्न हुआ जागरूकता कार्यक्रम

सैफई,इटावा। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के पी.एम.आर. (फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन) विभाग के तत्वाधान में न्यू ओपीडी ब्लॉक में विश्व पार्किंसन दिवस के अवसर पर 2025 की थीम “पार्किंसन से पीड़ित लोगों और उनके परिजनों की मदद करने की कोशिश करना” पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ ओपीडी में आए लोगों को इस रोग के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
पी.एम.आर.विभागाध्यक्ष एंव सहायक प्रोफेसर डॉ. विनय कनौजिया ने बताया पार्किंसंस रोग नर्वस सिस्टम का एक प्रोग्रेसिव मूवमेंट डिसऑर्डर है। यह मुख्य रूप से बुढ़ापे का रोग माना जाता है।इसमें डोपामाइनएक हार्मोन यह मस्तिष्क में बनता है और खुशी,प्रेरणा,और संतुष्टि जैसी भावनाओं से जुड़ा है। डोपामाइन,तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संदेशों का आदान-प्रदान करता है. यह स्मृति,सीखने,गति और नींद जैसे कई कार्यों को नियंत्रित करता है, इसका प्रोडक्शन करने वाले न्यूरॉन्स की क्षति होती है, इसके परिणाम स्वरूप शरीर का कांपना,कठोरता और धीमी गति जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि पार्किंसंस रोग के प्रति जागरूकता के लिए हर वर्ष 11 अप्रैल को “वर्ल्ड पार्किंसंस डे”मनाया जाता है।
सहायक प्रोफेसर डॉ.संजय सिंह ने पार्किंसंस रोगियों के परिवार पर पड़ने वाले बोझ की समस्याओं,कठिनाई और गंभीरता के बारे में बात की। सहायक प्रोफेसर डॉ.धीरेंद्र कुमार सिंह ने पार्किंसंस रोग के चिकित्सा प्रबंधन के बारे में चर्चा की व उन्हें स्वतंत्र बनाने के लिए पुनर्वास के महत्व पर जोर दिया। सुश्री मेघा गोयल,व्यावसायिक चिकित्सक,पीएमआर विभाग ने पार्किंसंस रोग से पीड़ित रोगियों के पुनर्वास में व्यावसायिक चिकित्सा की भूमिका पर चर्चा की और बताया हर सोमवार को यूपीयूएमएस सैफई के पुराने ओपीडी भवन में पीएमआर ओपीडी, कमरा नंबर 16 में जेरिएट्रिक रिहैबिलिटेशन क्लिनिक में सभी वृद्धावस्था संबंधी समस्याओं के लिए विशेष क्लिनिक भी चल रहा है।

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