सफारी के भालुओ को भा रही है वनस्पतियों की छांव, 6 भालुओं से हो रहा है भालू सफारी का संचालन

इटावा। इटावा सफारी पार्क में छह भालुओं से वर्तमान में भालू सफारी का संचालन किया जा रहा है। 06 भालुओं में से सबसे बुजुर्ग भालू कालिया है जिसकी उम्र लगभग 24 साल है। सामान्यतः भालुओं की औसत आयु 16 से 40 वर्ष होता है। विगत वर्ष पाँच अन्य भालुओं के सफारी में आने से एक तरफ जहाँ कालिया की तन्हाई दूर हुई है वहीं दूसरी ओर कालिया अत्यधिक रोमांटिक हो गया है। अब कालिया यदा कदा अन्य मादा भालू ललिता, रुचिका या काजल के साथ नाईट सेल में रात को अपने आहार व विश्राम हेतु वापस आने के वजाय खुले में रहना अधिक पसंद कर रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भालू सफारी में मौजूद वनस्पतियों की छाव इन भालुओं के मन को अधिक अच्छी लग रही है। इसी प्रकार से लायन सफारी में जहाँ एक ओर नन्हे शावक चहल कदमी कर रहे हैं वही दूसरी ओर बुजुर्ग बब्बर शेर भी पर्यटकों को काफ़ी आकर्षित कर रहे हैं। सफारी पार्क में वर्तमान में कुल 20 बब्बर शेर हैं, जिनमें से 8 नर व 12 मादा हैं। इन शेरों में हीर नामक शेरनी सबसे उम्रदराज है। जिसकी उम्र लगभग 17 वर्ष है जबकि गीगो नामक बब्बर शेर एवं जेसिका नाम की शेरनी की उम्र लगभग 16 वर्ष है। इन तीनों शेरों में वृद्धावस्था के लक्षण परिलक्षित हो रहे हैं| सभी बुजुर्ग बब्बर शेरों के क्राल में विशेष फोगर सिस्टम लगाया गया है ताकि उन्हें गर्मी और लू से बचाव किया जा सके। साथ ही लॉयन हाउस 02 के पास विकसित किये गए सफारी पार्ट 02 में इन वृद्ध शेरों के लिये एक्सरसाइज के समुचित क्षेत्र भी प्रदान किया गया है।सफारी पार्क के वन्य जीव चिकित्सकों द्वारा इन तीनों शेरों को विटामिन एवं अन्य आवश्यक अनुपूरक दवाएं समय समय पर दी जा रही है ताकि इनके बढ़ती उम्र के लक्षणों को कुछ कम किया जा सके।

सामान्यतः बब्बर शेरों का अपने प्राकृतवास (वाइल्ड) में जीवनकाल औसतन 14 से 16 वर्ष का होता है जबकि प्राणी उद्यान/सफारी में इनकी आयु 20 वर्ष तक हो सकती है। नर शेरों की अपेक्षा मादा शेरों की औसत आयु कम होती है। इंसानों की तरह बब्बर शेरों में भी बढ़ती उम्र के साथ वृद्धावस्था के लक्षण दिखने लगते है। बब्बर शेरों में 12-13 साल की उम्र के बाद प्रकट होने वाले लक्षणों में कैनाइन दांतों में पीलापन बढ़ना, आंखों से चमक का कम होना, त्वचा में ढीलापन, निचले होंठो में लटकाव एवं स्फूर्ति में कमी आना शामिल है।
शेरनी जेसिका 07 से अधिक बार प्रजनन कर चुकी है तथा मनन नामक शेर के साथ मेटिंग करके उसने 08 बब्बर शेरों को इटावा सफारी पार्क में जन्म दिया है। सफारी में वर्तमान में प्रथम पीढ़ी के शेरों में सिम्बा, सुल्तान, रूपा, सोना, गार्गी, नीरजा तथा विश्वा हैं एवं दूसरी पीढ़ी के अज्जू, जया, आशी एवं 5 शावक दो माह से कम आयु के हैं। हीर एवं गीगो से कोई भी शावक इटावा सफारी पार्क में उत्पन्न नहीं हो सका है परंतु यहां के खुशनुमा वातावरण में ये अपना जीवन यापन अच्छे ढंग से कर रहे हैं। सफारी प्रबंधन बब्बर शेरों के लिए सफारी क्षेत्र में भी फॉगर सिस्टम लगा रहा है ताकि लायन सफारी में पर्यटकों हेतु प्रदर्शन के लिए खोले जाने वाले शेरों को और भी बेहतर वातावरण उपलब्ध हो सके।

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