इटावा। डॉ. भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर में बुधवार रात बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया। चोरों ने ऑपरेशन थिएटर और ओपीडी से करीब 200 फीट कॉपर की ऑक्सीजन सप्लाई पाइपलाइन काटकर गायब कर दी। जिला अस्पताल में कुछ माह पहले ऑक्सीजन प्लांट से जंबो सिलेंडरों की चोरी भी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार ट्रामा सेंटर के अस्थि रोग विभाग की ओपीडी में 36 फीट और ऑपरेशन थिएटर से करीब 150 फीट कॉपर पाइपलाइन चोरी हुई है। इससे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था तो प्रभावित हुई ही है, साथ ही सुरक्षा इंतजामों की पोल भी खुल गई है। यह चोरी कोई पहली घटना नहीं है, अस्पताल से यह चौथी बार ऑक्सीजन सप्लाई की पाइपलाइन चोरी हो चुकी है। हैरत की बात यह है कि ट्रामा सेंटर के गेट पर ताला लगा था, फिर भी दरवाजा खुला मिला। इससे अस्पताल स्टाफ की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि चोरों को अस्पताल परिसर की पूरी जानकारी थी और चोरी की वारदात योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी गई है। गुरुवार सुबह जब ओपीडी खोली गई तो स्टाफ को कमरे में अंधेरा मिला। जब लाइट चालू करने की कोशिश की गई तो पता चला कि बिजली की वायरिंग भी काट दी गई है। इसके बाद जब दूसरी लाइट जलाई गई तो ऊपर लगी पाइपलाइन गायब मिली। घटना की सूचना मिलते ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. परितोष शुक्ला मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया। उन्होंने तत्काल सिविल लाइन थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और आसपास लगे CCTV फुटेज की तलाश की जा रही है।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही या सुनियोजित साजिश ?
इस चोरी की घटना ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। सवाल यह भी उठता है कि जब इतनी महंगी और महत्वपूर्ण पाइपलाइन अस्पताल परिसर के अंदर सुरक्षित नहीं है, तो मरीजों की सुरक्षा की क्या गारंटी है ? इस वारदात ने न सिर्फ अस्पताल प्रबंधन को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि आमजन का भरोसा भी डगमगा दिया है। अब देखना यह है कि पुलिस इस गुत्थी को सुलझा पाती है या फिर यह मामला भी पिछली घटनाओं की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा।