इटावा। शहर के सिविल लाइन स्थित सिंचाई विभाग के मुख्यालय में आज तड़के लगी भीषण आग ने विभाग के 50 वर्षों के इतिहास को राख में तब्दील कर दिया है। आग इतनी भयानक थी कि मुख्यालय के करीब 6 कमरे इसकी चपेट में आ गए। इस घटना में सिंचाई विभाग से जुड़ी हजारों महत्वपूर्ण फाइलें और अधिकारियों-कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड जलकर पूरी तरह खाक हो गए हैं।

सुबह 5:30 बजे लगी आग
घटना की जानकारी सबसे पहले विभाग के चौकीदार बलवीर सिंह को हुई। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 5:30 बजे जब वह राउंड पर थे, तब उन्हें आग लगने का पता चला। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को सूचित किया। दमकल कर्मी सुभाष चंद्र ने बताया कि विभाग को सुबह 6:30 बजे सूचना मिली, जिसके बाद दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

आग की इतनी बड़ी घटना हादसा या साजिश?
प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हालांकि, आग की भयावहता और जलकर नष्ट हुए महत्वपूर्ण दस्तावेजों को देखते हुए इसे साजिश से जोड़कर भी देखा जा रहा है। दबी जुबान में चर्चा है कि इतनी बड़ी आग केवल शॉर्ट सर्किट से नहीं लग सकती।
इतनी बड़ी आग की घटना के बावजूद नदारद रहे आला अधिकारी
इतनी बड़ी घटना के बावजूद सिंचाई विभाग के किसी भी बड़े अधिकारी का मौके पर न पहुंचना कई सवाल खड़े करता है। जहां एक ओर विभाग का दशकों पुराना रिकॉर्ड खाक हो गया, वहीं जिम्मेदार अधिकारियों की अनुपस्थिति ने मामले को और संदिग्ध बना दिया है। घटना के कई घंटे तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
बलवीर सिंह (चौकीदार): “मैं सुबह 5:30 बजे जब टहलने आया तो आग की लपटें देखीं। मैंने तुरंत अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।”
कमलेश कुमार (सिंचाई कर्मी): “आग बहुत भीषण थी। इसमें विभाग का पुराना रिकॉर्ड और कर्मचारियों की फाइलें जलकर राख हो गई हैं।”
सुभाष चंद्र (दमकल कर्मी): “हमें 6:30 बजे सूचना मिली थी। तीन गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पाया गया है।”
