टीईटी की अनिवार्यता से खफा शिक्षक संघ ने किया प्रदर्शन

इटावा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, इटावा ने सैकड़ो की संख्या में एकत्रित होकर कलेक्ट्रेट में किया विरोध प्रदर्शन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। संघ ने मांग की है कि प्रदेश में 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को सेवा में रहते हुए व पदोन्नति के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता से मुक्त किया जाए।

ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2009 में लागू नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम आर टी ई की धारा 23 के तहत निर्धारित न्यूनतम योग्यता नियम केवल 25 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों पर लागू होते हैं। 25 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर यह नियम लागू नहीं होते। बावजूद इसके,प्रदेश में पूर्व नियुक्त शिक्षकों से टीईटी की अनिवार्यता मांगी जा रही है,जिससे शिक्षकों में असंतोष व भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

संघ ने केंद्र सरकार से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है,ताकि 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से मुक्त कर सेवा व पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।

संघ पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मांग पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया,तो शिक्षक आंदोलन को बाध्य होंगे।

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष विनोद यादव यादव,जिला कोषाध्यक्ष विनोद कुमार,
जिला वरिष्ठ मंत्री मुकेश कुमार,जिला मंत्री अजय तिवारी सहित अन्य शिक्षक नेता मौजूद रहे।

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