बिजली कटौती से सूख रही फसलें, किसानों ने तीन घंटे तक किया हंगामा

सैफई/इटावा । बिजली संकट से परेशान किसानों का गुस्सा रविवार को फूट पड़ा। सैफई तहसील क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के करीब सौ किसान हैवरा स्थित 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचे और बिजली आपूर्ति की बदहाली को लेकर तीन घंटे तक हंगामा किया। किसानों ने फसल सूखने और सिंचाई बाधित होने का आरोप लगाते हुए विद्युत विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगाए। किसानों का कहना है कि मौजूदा समय में मक्का की फसल को पानी की अत्यधिक आवश्यकता है, लेकिन खेतों तक पर्याप्त बिजली पहुंच ही नहीं रही है। शासन के निर्देशों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को रोजाना कम से कम 8 से 10 घंटे तक निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है।
किसानों का आरोप है कि उन्हें केवल तीन से चार घंटे ही बिजली मिल रही है, वह भी टुकड़ों में। बार-बार कटौती के चलते मोटरें चल ही नहीं पातीं और खेतों की सिंचाई रुक गई है। इससे फसलें सूखने लगी हैं और पैदावार पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
प्रदर्शन कर रहे नवलपुर निवासी किसान धर्मेंद्र यादव ने कहा कि समय से बिजली बिल जमा करने के बावजूद खेतों में पानी नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा, “अधिकारी फोन तक नहीं उठाते। हम मजबूरी में यहां आए हैं, क्योंकि अब खेती बचाना मुश्किल हो गया है।” नगला बाबा के किसान संजू ने बताया कि जब भी जेई से शिकायत करते हैं, तो वह उल्टा जवाब देते हैं। किसानों ने क्षेत्रीय अवर अभियंता राजेश प्रसाद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह शिकायतों को नजरअंदाज करते हैं और व्यवहार भी ठीक नहीं रखते। प्रदर्शन के दौरान कुछ किसानों ने उन्हें हटाने की मांग भी की। करीब तीन घंटे तक चले हंगामे के बाद विद्युत विभाग के एसडीओ मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की। उन्होंने समस्या के जल्द समाधान का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसान शांत हुए और विद्युत उपकेंद्र से वापस लौटे। प्रदर्शन में शामिल प्रमुख किसानों में विमलेश कुमार, खिलाड़ी यादव, प्रमोद कुमार, कुंदेश चंद यादव, राकेश कुमार यादव, सनी यादव, धनीराम और पंकज कुमार, श्यामवीर शामिल रहे। इनके साथ नवलपुर, नगला सेऊ, नगला पठा, हैवरा, नगला बाबा, खुशहालपुर सहित दर्जनभर गांवों के किसान मौजूद रहे। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे।

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