बकेवर,इटावा। अपशिष्ट प्रबंधन एवं सतत विकास हेतु पुनर्चक्रीकरण रणनीतियां विषय आधारित एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का प्रथम बार हाइब्रिड मोड में आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि क्षेत्रीय निदेशक,इग्नू, अलीगढ़ डॉ. अजय वर्धन आचार्य,प्राचार्य प्रो. राजेश किशोर त्रिपाठी,कार्यशाला संयोजक प्रो.एम पी सिंह, सह-संयोजक प्रो.ललित गुप्ता,आयोजन सचिव डॉ नवीन अवस्थी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
प्राचार्य प्रो.राजेश किशोर त्रिपाठी ने कार्यशाला में आए मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का अभिनंदन किया,अपने स्वागत उद्बोधन में प्राचार्य ने अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए इसे भविष्य की बड़ी आवश्यकता भी बताया।
कॉलेज में विभिन्न प्रकार के रिसर्च डेवलपमेंट,इनोवेशन, डेरी वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित चल रहे कार्यो की विस्तार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा की साथ ही विभिन्न अवशिष्ट प्रबंधन,कार्बनिक खेती तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कार्बनिक खेती को बढ़ावा को देने के लिए छात्रों का इंवॉल्वमेंट,शिक्षकों का अटैचमेंट की भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा की ।
कार्यशाला संयोजक प्रो. एम पी सिंह ने कार्यशाला की थीम के बारे में विस्तार से बताया। मुख्य अतिथि एवं की-नोट्स स्पीकर डॉ. अजय वर्धन आचार्य, क्षेत्रीय निदेशक,इग्नू अलीगढ़ ने वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइक्लिंग स्ट्रैटेजिस फार सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर चर्चा करते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा विगत 2 अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत अभियान के तहत बेहद महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है,इस कार्यशाला के माध्यम से हो रही प्रासंगिक चर्चा की जानकारी देश और दुनिया के पर्यावरण संरक्षण जागरूकता के लिए अत्यंत आवश्यक सिद्ध होगी । डॉ. वर्धन ने बताया कि विकसित भारत 2047 अभियान तभी सफल हो सकता है जब अपशिष्ट प्रबंधन पर सतत कार्य होगा और कहा कि इस शीर्षक पर वैज्ञानिकों को मंथन एवं चिंतन भी करना चाहिए।
आमंत्रित व्याख्यान में केस वेस्टर्न यूनिवर्सिटी,यूएसए से डॉ.राघव अवस्थी ने उद्योगों में नवाचार अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित अपशिष्ट छँटाई, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कंप्यूटर के साथ मटेरियल परिचय दृष्टि, अपशिष्ट में कृत्रिम बुद्धिमत्ता ऊर्जा,अपशिष्ट भविष्यवाणी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अनुकूलन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इसमें डॉ.योगेंद्र कुमार त्रिपाठी विभागाध्यक्ष रिसर्च एंड डेवलपमेंट नेशनल यूनिवर्सिटी सिंगापुर से भी जुड़े।
ब्रेन एक्स ए आई, क्लीवलैंड,ओहियो,यूएसए से डॉ श्रेया मिश्रा ने एक स्वस्थ वैश्विक भविष्य के लिए जीनोमिक डेटा विज्ञान और अपशिष्ट प्रबंधन को एकीकृत करना तथा सिंगापुर से डा.योगेंद्र कुमार ने अपशिष्ट प्रबंधन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया ।
प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ. दिव्यांश पांडेय ने एकीकृत ठोस बेस्ट अपशिष्ट प्रबंधन, निर्मल कुमार ने स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट इन्नोवेशन एंड टेक्नोलॉजी तथा डॉ.संजय कुमार विश्वकर्मा ने एग्रीकल्चरल वेस्ट मैनेजमेंट पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। प्रथम सत्र का संचालन प्रो. ए के पाण्डे के द्वारा किया गया।
द्वितीय तकनीकी सत्र में श्याम बाबू मिश्रा सेवानिवृत्त रेंजर वन विभाग ने अपशिष्ट प्रबंधन के क्रम में वैश्विक प्रदूषण पर विस्तार से चर्चा की। सीएसजेएमयू कानपुर के प्राध्यापक डॉ अर्पित दुबे ने ई-वेस्ट मैनेजमेंट-सस्टेनेबल अप्रोच तथा तथा डॉ.प्रकाश दुबे ने द रोल ऑफ़ रीसाइकलिंग स्ट्रैटेजिस एंड टेक्नोलॉजी इन फिजिक्स पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।
द्वितीय तकनीकी सत्र का संचालन प्रो.नलिनी शुक्ला के द्वारा किया गया। द्वितीय सत्र में को-चेयर के रूप में पर्यावरणविद वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. आशीष त्रिपाठी उपस्थित रहे।
तृतीय तकनीकी सत्र में डॉ. मनोज यादव ने बायो कन्वर्जन आफ एग्रीकल्चर वेस्ट फॉर कल्टीवेशन ऑफ़ मशरुम पर शोध पत्र को प्रस्तुत किया तथा वार्विक यूनिवर्सिटी,यूनाइटेड किंगडम से अनमोल मिश्रा ने ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर अपने शोध पत्र पर विस्तार से ऑनलाइन जुड़कर चर्चा की,प्राध्यापक डॉ अत्रि गुप्ता ने मीथेन गैस उत्पादन के नियंत्रण संबंधित तथा मु.आमिर तथा वाइल्ड लाइफ वेटरिनेरियन,लायन सफारी, इटावा डॉ.रोबिन सिंह यादव ने बताया कि लाइन सफारी में 15 लाइन है और हैबिटेट के अनुसान उनके रहने का प्रबंध किया जाता है। उन्होंने बताया कि लाइन की केयर तथा उनकी इच्छा को हम कैसे प्रबंध करते हैं इसकी चर्चा की तथा वेटरिनरी ऑफीसर, अभिषेक कुमार करवारिया ने पशुपालन के अपशिष्ट को प्रबंध पर विस्तार से चर्चा की,प्रतिभा श्रीवास्तव ने वेस्ट मैनेजमेंट फॉर वर्मी कंपोस्टिंग आदि ने शोध पत्र प्रस्तुत किया। तृतीय तकनीकी सत्र का संचालन डा.पीके राजपूत, डॉ.धर्मेंद्र कुमार के द्वारा किया गया।
चतुर्थ तकनीकी सत्र में पोस्टर प्रेजेंटेशन का मूल्यांकन किया गया। समापन सत्र में मुख्य अतिथि प्राचार्य,जनता महाविद्यालय अजीतमल प्रो. ए.के.शर्मा.ने कार्यशाला की सफलता पर कॉलेज परिवार को बधाई दी।
कार्यशाला का सफल संचालन सह-संयोजक डॉ. ललित गुप्ता ने किया तथा को-आयोजन सचिव डॉ. संजीव कुमार,डॉ.डीजे मिश्रा,डॉ.प्रकाश दुबे व अजय शर्मा आदि ने सभी कार्यक्रमों का प्रबंध किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षकों,शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने सक्रिय भागेदारी की।