इटावा, उत्तर प्रदेश – इटावा जिले में किसान इस समय डीएपी (DAP) खाद की भारी कमी से जूझ रहे हैं, जिससे उनकी फसल की बुवाई पर असर पड़ रहा है। जिले भर में सहकारी समितियों और इफको केंद्रों पर सुबह से ही किसानों की लंबी लाइनें लग जाती हैं, लेकिन अक्सर उनका नंबर आने से पहले ही स्टॉक खत्म होने की घोषणा कर दी जाती है, जिससे किसानों में भारी निराशा फैल रही है।
किसानों की आपबीती
कई किसान, जिनमें से कुछ बीहड़ क्षेत्रों से 25 किलोमीटर की दूरी तय करके आए थे, ने अपनी निराशा व्यक्त की। एक किसान ने बताया, “हम सुबह से लाइन में लगे थे, लेकिन जब हमारी बारी आई तो बताया गया कि खाद खत्म हो गई है। हम बहुत दूर से आए हैं और खाली हाथ वापस जाना पड़ रहा है।” यह स्थिति न केवल किसानों के समय और ऊर्जा को बर्बाद कर रही है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित कर रही है।

प्रशासनिक दावों और जमीनी हकीकत में अंतर
प्रशासनिक अधिकारी लगातार यह दावा कर रहे हैं कि जिले में डीएपी खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। हालांकि, जमीन पर स्थिति इसके ठीक विपरीत है। किसान बाजार और समितियों पर इफको डीएपी की कमी का सामना कर रहे हैं। यह विरोधाभास किसानों के विश्वास को कम कर रहा है और उनकी समस्याओं को बढ़ा रहा है।
सरकार से अपील
किसानों ने सरकार और प्रशासन से इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने की अपील की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते खाद उपलब्ध नहीं हुई, तो रबी फसलों की बुवाई में देरी होगी, जिसका सीधा असर पैदावार पर पड़ेगा। किसानों की मांग है कि सरकारी केंद्रों पर खाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए ताकि जरूरतमंद किसानों तक खाद पहुंच सके।
