इटावा/भरथना। भरथना कस्बे में श्री राधाकृष्ण मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन विशेष उत्सव का माहौल रहा। अंतर्राष्ट्रीय समाजसुधारक आचार्य मनोज अवस्थी महाराज ने प्रह्लाद चरित्र, समुद्र मंथन, गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाई। कथा में सूर्यवंश, रामजन्म और चंद्रवंश का विशेष वर्णन किया गया। कृष्ण जन्म प्रसंग के दौरान बाल रूप में कृष्ण की मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई। इस दौरान पंडाल में घंटे-घड़ियाल की आवाजें गूंजीं और भक्तों ने ‘नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ के भजन गाए जब-जब धर्म की हानि हुई, तब-तब भगवान ने अवतार लेकर धर्म की रक्षा की। कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर उन्होंने बताया कि भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में कंस की कारागार में वासुदेव-देवकी के यहां श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। बाद में नंद बाबा के घर उनका लालन-पालन हुआ। कथा में परीक्षित की भूमिका भगवत दयाल और उनकी धर्मपत्नी आशारानी ने निभाई। यज्ञकर्ता के रूप में अमित कुमार, रजनी, सुमित कुमार, ज्योति, मुकेश और रेनू मौजूद रहे। पंडाल की व्यवस्था शिवराज सिंह आढ़ती, प्रांजल, उज्ज्वल, बेटू, गौरी, कृष्णा, शिवा और शिखा ने संभाली।
कृष्णोत्सव पर पंडाल को दुल्हन की तरह सजाया गया। माखन-मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित भक्तों ने नाच-गाकर उत्सव में हिस्सा लिया।
श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य मनोज अवस्थी ने प्रहलाद चरित्र समुद्र मंथन और गजेंद्र मोक्ष की सुनाई कथा
