सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के खिलाफ तल्ख बयानगी पर लगे अंकुश : डिंपल यादव

सैफई । बफ़्फ संशोधन रिपोर्ट की मांग पर भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई को आड़े हाथों ले लिया है वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम मान करके उसके पक्ष में खड़ी हुई दिख रही है।
समाजवादी पार्टी का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के खिलाफ बयान देने की प्रकिया पर अंकुश लगना चाहिए।
मैनपुरी से समाजवादी पार्टी के सांसद डिंपल यादव ने सैफई में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के खिलाफ बयानगी पर अंकुश लगाना चाहिए। यादव ने कहा कि देश में जो सुप्रीम है उसका सम्मान तो करना चाहिए। भाजपा देश की लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं कर रही है। भाजपा नेता संविधान का सम्मान नहीं करते हैं जब कि समाजवादी पार्टी उनकी टिप्पणियों का पुरजोर विरोध करती है ।
यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जो सुप्रीम है उसका सम्मान नहीं कर रहे आप किस तरह की व्यवस्था देश पर लागू करना चाहते हैं इससे कइयों तरह के सवाल खड़े हो रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता इस तरह की टिप्पणियों से अपने आप को लाइमलाइट में लाना चाहते हैं।
भाजपा के पास जनता से जुड़े मुद्दों का कोई जवाब नहीं है,
बेरोजगारी और महिलाओं की स्थिति क्या है इस पर भाजपा का कोई नेता जवाब नहीं देंगे ।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ओर सीजेआई को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे दिनेश शर्मा जैसे नेताओं के शब्द बर्दास्त काबिल नहीं है। भाजपा ने अपने नेताओं के बयान से भले ही किनारा कर लिया हो लेकिन इस पर अंकुश लगना चाहिए।
डिंपल ने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भाजपा नेताओं के के सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाने पर कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था देश में रहे, इनके नेताओं की बातें दर्शाती है कि ये लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं करते, संविधान का सम्मान नहीं करते, समाजवादी पार्टी इनकी टिप्पणियां के विरोध में है।
उन्होंने भाजपा नेताओं के लिए कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट जो सुप्रीम है उसका सम्मान नहीं कर रहे तो आप किस तरह की व्यवस्था को देश में लागू करना चाहते है ।
भाजपा के लोग इस तरह की टिप्पणी करके अपने को लाइम लाइट में लाना चाहते है
उन्होंने कहा कि हमें समझना होगा कि भारतीय जनता पार्टी जो आज देश और कई प्रदेश में सत्ता में है इनके पास जनता से जुड़े मूल मुद्दों का कोई जवाब नहीं है
उनसे अगर कोई पूछे कि बेरोजगारी कितनी है, महिलाओं की क्या स्थिति है तो ये इसका जवाब नहीं देंगे लेकिन इस तरह की टिप्पणी करके न जाने इस देश को किस दिशा में लेके जाना चाहते है।

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