जसवंतनगर/इटावा। यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं। हरियाणा स्थित हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी और पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश के चलते नदी का जलस्तर खतरे की ओर बढ़ रहा है। इसका सीधा असर इटावा और जसवंतनगर क्षेत्र के यमुना किनारे बसे गांवों में देखने को मिल रहा है।
बाउथ क्षेत्र के खंदिया गांव में किसानों की बाजरे की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। इसी तरह मड़ैया फकीरे, कछपुरा, लूंगे की मड़ैया, घुरहा, जाखन, कीरतपुर और सिरसा की मड़ैया गांवों के किसानों की भी बाजरे की फसल पानी में डूब चुकी है। किसान चिंतित हैं कि यदि जलस्तर में वृद्धि का यही सिलसिला जारी रहा तो सिरसा की मड़ैया समेत अन्य गांवों में लगी कीमती सब्जियां और पौध भी पूरी तरह नष्ट हो सकती हैं।हालांकि फिलहाल यमुना का पानी आबादी से दूर है, लेकिन किसानों को डर है कि अगर पानी और बढ़ा तो गांवों तक पहुंचकर जनजीवन प्रभावित करेगा। फसल डूबने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीण प्रशासन से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं और चाहते हैं कि हालात बिगड़ने से पहले राहत और बचाव कार्यों की तैयारी कर ली जाए।
यमुना का जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर मुसीबत बड़ी
