इटावा। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में कार्यरत् चिकित्सा शिक्षक (फैकेल्टी मेम्बर), चिकित्सा अधिकारी, सीनियर रेजीडेंट व जूनियर रेजीडेंट जो प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ विधिक तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 पीके जैन ने आदेश जारी कर दिया है। कुलसचिव डा0 चन्द्रवीर सिंह ने बताया कि इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय प्रशासन सभी चिकित्सा शिक्षक (फैकेल्टी मेम्बर), चिकित्सा अधिकारी, सीनियर रेजीडेंट व जूनियर रेजीडेंट से इस सम्बन्घ में अनिवार्य शपथ पत्र भी ले चुका है। ऐसा करने वाले के खिलाफ कार्यवाही के साथ वेतन वृद्धि रोकने, लाइसेंस रद्द करने समेत अन्य कार्यवाही की जाएंगी। कुलपति प्रो0 डा0 पीके जैन ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की यह मंशा है कि विश्वविद्यालय में आने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले। मेडिकल कालेज में कार्य करने वाले चिकित्सक पूरी तरह से विश्वविद्यालय में भर्ती मरीजों पर ध्यान केंद्रित करे।