बीमारे कर्बला की याद में आग के दहकते अंगारों पर मातम

इटावा। बीमारे कर्बला चौथे इमाम हज़रत जैनुल आबेदीन की शहादत पर अंजुमन हैदरी इटावा के तत्वावधान में मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा,संरक्षक राहत अक़ील व सदर इंतजार नक़वी की उपस्थिति में 44 वीं सालाना मजलिस में शब्वेदारी के साथ दहकते अंगारों पर मातम किया गया।
मजलिस में मौलाना नदीम असग़र वाराणसी ने अपनी तकरीर में चौथे इमाम बीमारे कर्बला हज़रत जैनुल आबेदीन की शहादत का दर्दनाक मंजर पेश किया। मजलिस के बाद मौला अब्बास के अलम की जियारत अंजुमन हैदरी ने बरामद की। अंजुमन हैदरी इटावा के सेकेट्री राहत हुसैन रिज़वी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शावेज़ नक़वी, अहमद जाफर,अश्शू रिज़वी,असद जाफर ने सदा पढ़ी। राहिल सगीर,तनवीर हसन और ग्वालियर से आये मोहित गुप्ता पुत्र डा.प्रमोद गुप्ता ने नोहाख्वानी की। अंजुमन मुहाफ़िजे अज़ा सिंगरौसी उन्नाव,
अंजुमन हैदरी जलाली अलीगढ़,अंजमने पंजतनी गुंचा आगरा ने रात भर मातमी नोहाख्वानी की। शबबेदारी के दौरान शिया नवयुवकों और बच्चों ने दहकते अंगारों पर उस समय तक मातम किया जब तक अंगारे बुझ नहीं गए। मजलिस और आग के मातम की व्यवस्था में राहत हुसैन रिज़वी,शावेज़ नक़वी, शारिक सगीर शानू,शब्बर अक़ील,हम्माद,अदनान जाफ़री,अहद,सोनू नक़वी, एड.आतिफ,बिट्टू,परवेज हसनैन,समर सगीर,जीशान हैदर,अमीर हैदर,हसन अली,जमीर अली,अयाज हुसैन,काशिब रिज़वी, एजाज हुसैन आदि का सराहनीय योगदान रहा। संचालन का दायित्व लखनऊ से आए आरिफ हैदर ने निभाया। अंत मे बाहरी जनपदों से आई अंजुमनों ने साबितगंज में स्व.मुहाफ़िज़ हुसैन के मकान पर अलविदाई मातमी नोहाख्वानी की। अंजुमन हैदरी के संरक्षक राहत अक़ील,अध्यक्ष इंताजर नक़वी,वरिष्ठ उपाध्यक्ष शावेज़ नक़वी, सेकेट्री राहत हुसैन रिज़वी ने बाहरी जनपदों की अंजुमनों व कार्यक्रम में शामिल होने वालों का आभार व्यक्त किया।

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