इटावा के नवनियुक्त जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने कार्यभार संभालते ही जिले के प्रशासनिक तंत्र में एक नई ऊर्जा और अनुशासन का संचार कर दिया है। जनसेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और कार्यशैली इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। उन्होंने अपने कार्यालय में वर्षों से चले आ रहे वीआईपी कल्चर को न केवल खत्म किया, बल्कि उसे प्रतीकात्मक रूप से आम जनता के लिए दरवाजे खोलकर ज़मीन पर उतार भी दिया। सबसे पहले डीएम कार्यालय के ‘वीआईपी गेट’, जिसे आम जनता अब तक उसे पार करने के लिए मशक्कत करना पड़ती थी, उसे खोलने का आदेश देकर उन्होंने संकेत दे दिया कि अब प्रशासन जनता से दूर नहीं, बल्कि उनके बीच है। उनके इस फैसले का स्वागत करते हुए आम फरियादी अब खुद को सिस्टम का हिस्सा महसूस कर रहे हैं। डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने अपने कार्यालय में ए.सी. बंद करवा दिए हैं और खुद उसी वातावरण में बैठकर आमजन की फरियादें सुन रहे हैं। यह कदम न सिर्फ सादगी का परिचायक है, बल्कि जनता के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव भी स्थापित करता है। डीएम साहब स्वयं तय समय पर कार्यालय पहुंच रहे हैं और उनके अधीनस्थ अधिकारियों को भी समय की पाबंदी का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। नतीजा यह है कि जो अधिकारी पहले समय पर नहीं पहुंचते थे, अब समय से पहले कार्यालय में दिखने लगे हैं। कलेक्ट्रेट कर्मियों के बीच यह चर्चा आम है कि जो नौकरशाही का नशा पिछले तीन सालों में चढ़ा था, वो इन साहब के आने के बाद उतरता नजर आ रहा है। सबसे बड़ी बात यह रही कि जिलाधिकारी की कोर्ट रूम जहाँ वादों की सुनवाई होती है वह भी आम जनता के लिए खुला नजर आया। डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल स्वयं लंबित मुकदमों की सुनवाई कर रहे हैं, जिससे न केवल न्याय प्रक्रिया में तेजी आई है बल्कि पारदर्शिता और जनता के विश्वास में भी इज़ाफा हुआ है। हालांकि कुछ अधिकारी इस नई व्यवस्था से असहज जरूर महसूस कर रहे हैं, लेकिन आम जनता में इस बदलाव को लेकर खासा उत्साह और संतोष देखा जा रहा है। लोग अब बेझिझक अपनी समस्याएं रखने कार्यालय आ रहे हैं और उन्हें समय रहते समाधान भी मिल रहा है।इटावा में शुभ्रांत कुमार शुक्ल के आगमन के साथ ही एक नई प्रशासनिक कार्यशैली ने जन्म लिया है, जो न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करती है बल्कि जनहित को प्राथमिकता देती है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बदलाव कितनी दूर तक असर करता है और क्या यह प्रणालीगत सुधारों की ओर भी इशारा करता है। जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे एक बुजुर्ग ने बताया कि मेरी एक समस्या को लेकर आए थे डीएम साहब ने पूरी तरह मेरी बात सुनी और कहा कि अब आपको नहीं आना है, आपकी समस्या का समाधान हो जायेगा। पहले भी चक्कर लगाए थे लेकिन सुनवाई नहीं हुई आज दरवाजे भी खुले है कार्यालय के डीएन साहब से मिलना आसान हुआ।
जनपद में नियुक्त जिलाधिकारी ने किया वीआईपी कल्चर को खत्म
