इटावा। जनपद के चकरनगर तहसील में बुधवार को दो गौवंश की मौत के बाद जब ग्रामीण बड़ी संख्या में गौशाला पहुंचे। गौशाला के पीछे साइड में खाई में करीब दो सैकड़ा की संख्या में गौवंशों के कंकाल देखकर ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। इस सनसनीखेज़ मामले ने प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल के निर्देश पर चकरनगर के उप जिलाधिकारी ब्रह्मानंद कठेरिया, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और समाज कल्याण अधिकारी की संयुक्त टीम ने गौशाला का निरीक्षण किया। जांच के बाद तीन केयर टेकर को तत्काल प्रभाव से सेवा मुक्त कर दिया गया। साथ ही ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि गौशाला में रखी गई गायों की देखरेख में भारी लापरवाही बरती जा रही है। गौवंश की मृत्यु के बाद न तो उनका उचित अंतिम संस्कार किया गया। न ही उन्हें सम्मानपूर्वक दफनाया गया। मरी हुई गायों के शवों को पीछे की बीहड़ खाई में फेंका जा रहा था। जिससे इलाके में भीषण दुर्गंध फैल गई है। घटना से संबंधित कई वीडियो, तस्वीरें सामने आया था। जिसमें दर्जनों कंकाल खुले में पड़े दिखाई दे रहे हैं। इससे लोगों में आक्रोश और भी गहरा गया है। समाज कल्याण अधिकारी रवींद्र कुमार शशि ने बताया कि गौशाला में गाय की हड्डियां मिलने की सूचना मिली थी। उसके बाद मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि गौशाला में जो गाय मर जाती है। उन्हें गौशाला के आसपास गड्ढे में दबा दी जाती है। उन्होंने कहा कि किसी तरह मिट्टी कटने से हड्डियां बाहर आ गई। उन हड्डियों को वापस मिट्टी में दबा दिया गया है। लोगों को समझा दिया है।
गौशाला की पीछे सैकड़ो की संख्या में मिले गोवंशों के हड्डिया व कंकाल
