इटावा जनपद के उदी में स्थित सैनिक स्कूल में आज वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सदर विधायक सरिता भदौरिया, विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला और विशिष्ट अतिथि एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान, अतिथियों ने “एक वृक्ष मां के नाम” अभियान के तहत पौधरोपण किया। मीडिया से बात करते हुए, जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला ने बताया कि यह आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर्यावरण संरक्षण के आह्वान को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह जन अभियान के रूप में चलाया जा रहा है जो भी लोग जागरूक हो रहे वो ऐसी कार्यक्रम के माध्यम से ऐसे कार्यक्रम कर रहे हैं।इस पहल का उद्देश्य हरित आवरण को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
इस अभियान का उद्देश्य यही इस अभियान में सभी लोग जुड़े और पर्यावरण सुरक्षित करें। पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश का जो प्रणाम आया था उसमें इटावा जनपद दूसरे स्थान पर था और तब से ग्रीन कवर बड़ा है तो इससे उम्मीद करता हूं इस वर्ष प्रथम स्थान प्राप्त करे।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने बढ़ाया पर्यावरण जागरूकता की ओर कदम
विधायक सरिता भदौरिया ने कहा यह बिल्कुल सही है कि अक्सर लोग रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। लेकिन यह सराहनीय है कि प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पर्यावरण के सही मायने को समझाते हुए वृक्षारोपण के महत्व को उजागर किया है।
उन्होंने इस बात पर भी हमारा ध्यान दिलाया है कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए कितने उपयोगी हैं। “एक वृक्ष मां के नाम” जैसे अभियान चलाकर उन्होंने यह मार्मिक संदेश दिया है कि पेड़ हमारे लिए माँ के समान हैं, जो हमें जीवन देते हैं और हमारा पोषण करते हैं। यह पहल निश्चित रूप से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति और अधिक जागरूक करेगी।
कार्यक्रम में उप प्रभागीय निदेशक विमल कुमार सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक कुमार शर्मा, पर्यावरणविद डॉ. राजीव चौहान और डीपीओ नमामि गंगे संजीव चौहान भी उपस्थित थे। इसके अलावा ग्राम प्रधान गढायता शैलू भदौरिया, ग्राम प्रधान जैतपुरा जीतू भदौरिया और ग्राम प्रधान पछांयगाव संजय प्रताप सिंह , कुंडेश्वर प्रधान गोल्डी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
वन विभाग के अधिकारियों ने इस अवसर पर सभी को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया। यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण और हरित आवरण बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।