यमुना तट पर छठ पूजा की धूम,महिलाओं ने किया व्रत

अजय बाथम

इटावा।आस्था और श्रद्धा के महापर्व छठ पूजा का त्योहार इटावा में यमुना तट पर बड़े ही धूमधाम और भक्तिमय माहौल में मनाया गया। बड़ी संख्या में महिलाओं ने इस कठिन व्रत को पूर्ण किया, जिसके लिए यमुना किनारे भव्य तैयारियां की गई थीं।

​जिला प्रशासन द्वारा इस पावन अवसर पर यमुना तट पर भक्तों की सुविधा के लिए उत्तम व्यवस्थाएं की गईं। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि व्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

​पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं में दिखा उत्साह

​छठ पूजा के कार्यक्रम में कई महिलाएं शामिल हुईं, जिनमें ऐसी महिलाएं भी थीं जिन्होंने पहली बार छठ मैया का व्रत रखा। पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं ने अपनी अनुभूति साझा करते हुए कहा कि सभी त्योहारों की तरह इस व्रत को रखने के बाद उन्हें एक अद्भुत और आत्मिक संतोष प्राप्त हुआ है।

​इस मौके पर इटावा जनपद की सीमा शाक्य, जो कि उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग की सदस्य हैं, उन्होंने भी पहली बार इस पूजा में शिरकत की। पूजा की विधि और महत्व को जानने के बाद उन्होंने कहा, “इस पूजा में शामिल होकर काफी अच्छा लगा। मैं आगे भी इस पूजा को निरंतर करूंगी।”

​छठ पूजा का वैदिक और पौराणिक महत्व है

​समारंभ फाउंडेशन की अध्यक्ष ऋचा राय ने छठ पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि छठ पूजा की शुरुआत अनंत काल पूर्व हुई थी और यह एक विशुद्ध रूप से वैदिक त्योहार है।

​उन्होंने पौराणिक कथाओं का उल्लेख करते हुए बताया, “ऐसा माना जाता है कि सूर्य भगवान का जन्म छठ पूजा के माध्यम से हुआ था। सतयुग में अदिति माता ने इस पूजा को किया था, जिसके फलस्वरूप सूर्य ‘आदित्य’ के रूप में उत्पन्न हुए। इससे जुड़ी कई पौराणिक कहानियां प्रचलित हैं। हमारे पुराणों और यहां तक कि रामायण में भी इसका उल्लेख है। युगों-युगों से यह परंपरा चली आ रही है। छठ मैया कोई और नहीं, आदि शक्ति का ही स्वरूप हैं।”

​यमुना तट पर छठ मैया के जयकारों के साथ यह महापर्व संपन्न हुआ, जिसने इटावा में भक्ति और आस्था का एक अनूठा दृश्य प्रस्तुत किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *