36 वर्षों के बाद बदला इतिहास सन 1988 के बाद भाजपा प्रत्याशी बना सभापति

इटावा। इटावा जनपद में डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के चुनाव में भाजपा ने 36 साल का इतिहास बदल दिया है। 1988 के बाद पहली बार भाजपा समर्थित प्रत्याशी सभापति बना है। चुनाव में कुल 14 सदस्यों ने मतदान किया।जिसमें एक मत निरस्त हो गया। भाजपा के अभय सेंगर को 7 वोट मिले। जबकि सपा के कृष्णपाल सिंह चौहान को 6 वोट मिले। इस तरह अभय सेंगर सभापति चुने गए। उपसभापति के चुनाव में रोचक स्थिति बनी। जहां भाजपा और सपा दोनों के उम्मीदवारों को 7-7 वोट मिले। टाई की स्थिति में लॉटरी से निर्णय लिया गया। जिसमें भाजपा के आशुतोष शुक्ला विजयी घोषित हुए।

इस चुनाव में करीब 2200 से अधिक मतदाताओं ने बुधवार को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान किया। भाजपा की विधायक सरिता भदौरिया ने कहा कि योगी सरकार में निष्पक्ष प्रक्रिया से चुनाव कराया गया। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों से जुड़ा यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण था। जिस पर अब तक समाजवादी पार्टी का वर्चस्व था। डीसीडीएफ के चुनाव में जीत पर भारतीय जनता पार्टी की विधायक श्रीमती सरिता भदौरिया ने कहा कि सहकारी समितियां से जुड़ा हुआ चुनाव बेहद महत्वपूर्ण था। समाजवादी पार्टी ने इस चुनाव पर कब्जा करके रखा हुआ था। लेकिन योगी सरकार में निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत चुनाव कराया गया है. जिसमें सभापति और उपसभापति भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए हैं। जबकि समाजवादी पार्टी के सांसद जितेंद्र दोहरे ने खुला आरोप लगाया है कि सत्ता के इशारे पर डीसीडीएफ के चुनाव में प्रशासन ने भाजपा का पक्ष लिया है। नियम विरोध एक सदस्य को नामित करके मत का अधिकार दिया गया है। जिसके आधार पर भाजपा की जीत का रास्ता खुला। डीसीडीएफ चुनाव में मात्र 13 सदस्य ही जीते थे। लेकिन रातों रात जिलाधिकारी इटावा ने एक सदस्य को नामित कर वोट डालने का अधिकार दे दिया। जब कि डीएम को ना तो किसी भी सदस्य को चुनाव से पहले नामित करने और मतदान करने का अधिकार नहीं था। लेकिन इसके बावजूद डीएम ने मनमाने तरह से सदस्य नामित किया। जिसके कारण चुनाव प्रभावित हुआ है।

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