इटावा। विपश्यना ध्यान को दुनियां भर में जन जन तक पहुंचाने वाले विपश्यनाचार्य कल्याण मित्र एसएन गोयनका का जन्मदिवस ध्यानोत्सव के रूप में मनाया गया।
कल्याण मित्र ध्यान साधना केंद्र लक्ष्मण कॉलोनी में आयोजित हुए उक्त कार्यक्रम के संयोजक डॉ.सीपी शाक्य ने बताया कि जनकल्याण के लिए तथागत बुद्ध की विपश्यना ध्यान विधि को दुनियां भर में जन जन तक पहुंचाने वाले विपश्यनाचार्य एसएन गोयनका एक प्रसिद्ध उद्योगपति थे। वे म्यांमार देश में जन्मे थे और भारत आकर उन्होंने विपश्यना ध्यान सिखाना शुरू किया था। विपश्यना ध्यान, आंतरिक शांति पाने का एक तरीका है यह एक गैर-सांप्रदायिक,वैज्ञानिक, और परिणामोन्मुख तकनीक है।
प्रेम कुमार शाक्य ने बताया कि म्यांमार में जन्मे एसएन गोयनका 1969 में भारत आए और ध्यान सिखाने लगे थे। उन्होंने महाराष्ट्र में नासिक के पास इगतपुरी में एक विपश्यना ध्यान केंद्र की स्थापना की थी। उन्हें साल 2012 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
केपी सिंह ने कहा कि विपश्यना से राग ईर्ष्या द्वेष नहीं पनपता है। मन के सभी विकारों को विपश्यना ध्यान के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान कल्याण मित्र फाउंडेशन के संरक्षक रामधन शाक्य के अलावा बालभ्यासी शाक्य, डॉ.एस के,डॉ.सुधीर शाक्य, एड.रिषभ शाक्य,महिपाल सिंह,गुड्डू प्रजापति, रंजीत,सत्येंद्र,शिक्षिका रिचा शाक्य,सुरेंद्र बहादुर,केशव दयाल,रघुवंश,विद्या देवी, जय देवी,प्रेम,ललिता,शशि देवी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।