शूटर चंद्र मोहन तिवारी ने वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स 2025 में रचा इतिहास,ताइवान में दो स्वर्ण पदक जीते 

इटावा। भारतीय निशानेबाज़ी जगत में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। उत्तर प्रदेश के इटावा जिला निवासी और भारत के वरिष्ठ शूटर चंद्र मोहन तिवारी ने ताइवान की राजधानी ताइपेई में आयोजित वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स 2025 में अद्भुत प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण पदक जीतकर न केवल देश का मान बढ़ाया, बल्कि भारतीय खेल इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करा दिया। भारत की वरिष्ठ शूटर चंद्र मोहन तिवारी ने मीडिया के माध्यम से बताया कि वर्ल्ड मास्टर गेम्स को भी ओलंपिक और पैरा ओलंपिक की श्रेणी में शामिल किया जाए। इसी के साथ-साथ स्वर्ण पदक विजेता चंद्र मोहन तिवारी ने भारत के प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि जिस तरीके से भी ओलंपिक के खिलाड़ियों को समय देते हैं वैसे ही कुछ समय वर्ल्ड मास्टर गेम्स के खिलाड़ियों को भी दे। जनपद इटावा के ग्राम कुनैरा के रहने वालें भारत के वरिष्ठ शूटर चंद्र मोहन तिवारी ने न केवल जनपद का बल्कि पूरे भारत का नाम ताइवान में जाकर रोशन कर दिया। ताइवान देश के शहर तपाई में हर 4 सालों में एक बार होने वाले वर्ल्ड मास्टर चैंपियनशिप जो कि 17 से 27 मई तक आयोजित की गयी थी, उस वैश्विक प्रतियोगिता में चंद्र मोहन तिवारी ने 50 मीटर .22 राइफल थ्री पोजिशन इवेंट और 50 मीटर प्रोन इवेंट में पहला स्थान हासिल कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वर्ल्ड मास्टर चैंपियनशिप की प्रतियोगिता में 108 देशों ने प्रतिभा किया था जिसमें जनपद इटावा के शूटर चंद्र मोहन तिवारी ने दो स्वर्ण पदक जीत कर शूटिंग प्रतियोगिता में इतिहास रच डाला। स्वर्ण पदक जीत कर इटावा लौटे विजेता चंद्र मोहन तिवारी ने सरकार से शूटिंग प्रतियोगिता को भी ओलंपिक के गेमों की तरह वरीयता देने का किया आग्रह और भारत के प्रधानमंत्री ओलंपिक मैं जीतने वाले खिलाड़ियों की तरह हम लोगों को भी अपना अमूल्य समय दे। ताइवान जाने से पहले भी वर्ष 2023 में कोरिया देश में आयोजित मास्टर प्रतियोगिता में भी शूटर चंद्र मोहन तिवारी ने तीन स्वर्ण पदक जीत कर देश को गौरवित किया था। इसी के साथ-साथ स्वर्ण पदक विजेता चंद्र मोहन तिवारी इटावा जनपद में स्पोर्ट्स केयर अकैडमी नाम से अपनी एक शाखा भी चला रहे हैं जिसमे कई जनपदों के प्रशिक्षणार्थियों को शूटिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। वरिष्ठ शूटर चंद्र मोहन तिवारी आज तक भारत के लिए कुल पांच स्वर्ण पदक जीत चुके हैं जो की एक एतिहासिक रिकॉर्ड है।

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