इटावा। शहर के चौगुर्जी मोहल्ला निवासी सतीश कुमार श्रीवास्तव यूपी रोडवेज सीनियर पद से रिटायर्ड है,परिवार में पत्नी वंदना श्रीवास्तव और उनके दो बेटे शुभम और शिवम एक साथ हसीं खुशी रह रहे थे,बड़े बेटे शुभम की स्मृति के साथ शादी हो गई थी स्मृति को एक बच्चा भी है ।
32 साल का शिवम घर में छोटा था वह गुरुवार देर रात करीब 11 बजे आई टी आई की ओर से अपने घर आ रहा था और सड़क किनारे खड़े होकर टैक्सी , टेंपों का इंतजार कर रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने शिवम को रौंदते हुए भाग गया।
घटना स्थल से गुजर रहे राहगीरों ने जब खून से लथपथ शिवम को देखा तो तुरंत राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी मौके पर पहुंची थाना सिविल लाइन की पुलिस ने घायल अवस्था में शिवम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां डॉक्टरों ने शिवम को मृत घोषित कर दिया।जब घटना की सूचना पर बड़ा भाई शुभम् और मां वन्दना श्रीवास्तव 59 वर्षीय देर रात जिला अस्पताल पहुंचे वहां मां वन्दना ने जैसे ही अपने छोटे बेटे शिवम की लाश देखी,उनकी हालत बिगड़ गई,डॉक्टरों ने ऑक्सीजन सपोर्ट दिया इंजेक्शन भी लगाए लेकिन तब तक मां वंदना श्रीवास्तव ने दम तोड़ दिया।यह घटना की खबर से परिवार रिश्तेदारों और मोहल्ले में कोहराम मच गया। बड़े बेटे शुभम ने बताया कि मेरा भाई काम के सिलसिले में कहीं बाहर गया हुआ था। मां लगातार उसको फोन कर रही थी,छोटे भाई शिवम ने मां से बोला भी था कि वह आधे घंटे में घर पहुंच जाएगा।जब वह घर नहीं पहुंचा तो मां ने रात 11 बजे कॉल किया लेकिन उसका फोन नहीं उठा ।जब उसको आखिरी कॉल की की तो किसी अनजान व्यक्ति ने फोन उठाया और बताया कि आपके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है और वह जिला अस्पताल में है आप भी आ जाएं । शुभम ने कहा तुरंत मां ने रोते हुए हादसे की जानकारी मुझे दी फिर हम दोनों जिला अस्पताल पहुंचे थे। वहां जाकर देखा तो मेरे भाई शिवम को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।इस घटना को देखकर मेरी मां वन्दना श्रीवास्तव खुद को संभाल नहीं पाई और उनकी भी तबियत बिगड़ने लगी,और आखिरकार मेरी मां ने भी दम तोड़ दिया घर में सबसे छोटा होने के कारण मेरी मां को शिवम से काफी लगाव था।
चौगुर्जी मोहल्ले से एक साथ जब मां बेटे की अर्थी उठी तो पूरे मोहल्ले वालों का रो-रोकर बुरा हाल था हर किसी की आंख यह दृश्य देखकर गमगीन थी।