इटावा। इटावा जनपद में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास घटक 2.0 के तहत जल संरक्षण और भूमि संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वाटरशेड यात्रा निकाली गई। इस अभियान के तहत जिले के कई गांवों में किसानों और ग्रामीणों को जल बचाने और उसके सही उपयोग के प्रति जागरूक किया जाएगा। इटावा के विकास भवन परिसर से इस यात्रा की शुरुआत की गई, जिसमें दो पहिया और चार पहिया वाहनों के माध्यम से जागरूकता रैली निकाली गई। भूमि संसाधन विभाग, भारत सरकार के निर्देशों के तहत इस अभियान का उद्देश्य पानी बचाने और भूमि संरक्षण को बढ़ावा देना है। कृषि उपनिदेशक आर.एन. सिंह ने कहा कि “जल है तो कल है” की सोच को आगे बढ़ाते हुए इस यात्रा के माध्यम से किसानों को जल संरक्षण के उपाय बताए जा रहे हैं। ग्राम गाती, बढ़पुरा और नगला बीरबल में आज विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस जागरूकता का उद्देश्य है कि जल संरक्षण और भूमि संरक्षण को बढ़ावा देना। किसानों को जल प्रबंधन और सिंचाई के सही तरीकों की जानकारी देना। जल की बर्बादी को रोकने के लिए उपाय बताना। स्थानीय स्तर पर जल संसाधनों को मजबूत करना।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास घटक 2.0 के तहत किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकों और जल प्रबंधन के उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस अभियान से किसानों को सिंचाई में जल की बचत के नए तरीके सीखने और भूमि की उर्वरता बनाए रखने में मदद मिलेगी। वाटरशेड यात्रा के जरिए इटावा के गांवों में जल संरक्षण और भूमि संरक्षण का संदेश फैलाया जा रहा है। इस पहल से किसानों और ग्रामीणों को सुनियोजित जल प्रबंधन की जानकारी मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादन में सुधार और जल संकट से निपटने में मदद मिलेगी।
जल संरक्षण को लेकर गांवों में जागरूकता अभियान शुरू
