रेडलेडी ताइवान पपीता से लखपति बनी इटावा की राधा रानी

इटावा । उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा संपोषित स्वयं सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं नित्य दिन नई-नई सफलता की गाथाएं लिख रही हैं। इसी कड़ी में जनपद इटावा के विकासखंड भरथना की राधा रानी ने अपने विकासखंड ही नहीं बल्कि पूरे जनपद के महिलाओं के बीच एक मिसाल बनी हुई हैं। वे 2016 में मानव समूह से जुड़कर पहले समूह सखी के पद पर कार्य की। फिर समय के साथ बीआरपी के पद पर चयनित होकर प्रशिक्षण का कार्य कर रही है। साथ-साथ रेडलेडी ताइवान पपीता की खेती कर जीविकोपार्जन कर रही है। बागवानी से प्रति वर्ष ढाई लाख रुपये की आमदनी होती है।

राधा रानी सैकड़ों महिलाओं को आगे बढ़ने का कार्य कर रही है। पहले इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, एक-एक रुपये के लिए परेशान रहती थी। आज सतत आय के स्रोत के रूप में कृषि को अपनाकर आत्मनिर्भर बन गई हैं।
राधा रानी ने बताया कि आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद इनके जीवन में खुशहाली आई है। राधा दीदी अब लखपति दीदी की श्रेणी में आ गई हैं।
रेडलेडी ताइवान पपीता एक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक फल है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत बनता है। विटामिन ए, सी और ई से भरपूर मात्रा में मिलता है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होता है। कैंसर और हृदय रोगों के खतरे को कम करता है। त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। यह फल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
रेडलेडी पपीता की खेती करने पर यह 10 से 13 महीनों में फल देने लगता है। इसके अलावा, पपीते की बुबाई के लिए जुलाई से सितंबर और फरवरी-मार्च का समय उपयुक्त होता है। बाजार में हमेशा मांग होने के कारण अच्छी कीमत मिल जाती है।

स्वयं सहायता समूह की सभी इच्छुक महिलाओं को नवाचार, रोजी-रोजगार, उद्यम, कृषि कार्य के लिए नि:शुल्क उन्नत प्रशिक्षण कराया जा रहा है। – सूरज सिंह, उपायुक्त (स्वत: रोजगार), इटावा

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