स्पेशल रिपोर्ट:विजयेंद्र तिमोरी
भरथना,इटावा। व्यक्ति के जीवन में उसकी किस्मत में कब खुशी देदे और धनवान बना दे,और कब दुख देकर निर्धन करदे किसी को कुछ नहीं पता,ऐसा ही भरथना कस्बा के मोहल्ला महावीर नगर निवासिनी कुसमा गोस्वामी के साथ हुआ,कुसमा 26 बर्ष पूर्व राकेश गोस्वामी की दुल्हन बनकर भरथना आई थी।कुसमा का पति राकेश कस्बा में सब्जी बिक्री का कार्य करता था। कुसमा अपने पति राकेश की आमदनी को लेकर दोनों खुश थे,इसी कुसमा अपने छह बच्चों में तीन बेटियां नीतू,रितु और हेमा समेत तीन बेटे रोहित, हिमांशू और शिवा की मां बन गई।
अब कुसमा का पूरा परिवार हसीं खुशी से रहने लगा था। इस बीच कुसमा खुशी में ग्रहण लग गया,कुसमा के पति राकेश को गंभीर रूप से टीवी रोग ने जकड़ लिया और राकेश अपने अबोध छह बच्चों को छोड़कर चल बसा।
यहां से कुसमा के जीवन में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन कुसमा ने हार नहीं मानी और उसने अपने पति की तर्ज पर खुद मेहनत मजदूरी करना शुरू कर दिया,कुसमा ने अपने बच्चों का पेट भरने के लिए ईंट-गारा तक किया,कुछ दिनों बाद कुसमा ने चार पहिया के हाथ ठेला पर सब्जी बेची और फिर सब्जी मंडी में एक दुकान के सामने फुटपाथ पर सब्जी लगाना शुरू किया। इस दौरान कुसमा की बेटियां सयानी होने लगी और कुसमा ने क्रमशः तीन बेटियों और एक बेटे की शादी करदी।
अब कुसमा अपनी मेहनत और मजदूरी से सब्जी बेचते बेचते अपने छह बच्चों की अम्मा होने के साथ सब्जी मंडी में अम्मा नाम से विख्यात हो गई।कुसमा ने अपनी अकेले की मेहनत से अपने बच्चों को काबिल बना दिया। विगत बर्ष कुसमा को उसकी अकेले की मेहनत और बच्चों के सफल संचालन के लिए महिला दिवस पर सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन कुसमा आज भी फूटपाथ पर सब्जी बेचकर अपने परिवार को संचालित कर रही हैं।