लायन सफारी में हाल ही में जन्मे शावकों पर रखी जा रही है सतत निगरानी

इटावा। सफारी पार्क में एक बार फिर से शावकों की किलकारियां गूंज रही हैं। एशियाटिक बब्बर शेरनी नीरजा ने 16 मार्च को तीन शावकों को जन्म दिया है। पहला शावक दोपहर 2:15 बजे, दूसरा 2:55 बजे और तीसरा 3:18 बजे पैदा हुआ। शुरुआत में शेरनी ने शाम 6 बजे तक बच्चों को दूध नहीं पिलाया। लेकिन रात में कई प्रयासों के बाद तीनों शावकों ने दूध पीना शुरू कर दिया। अब शेरनी नीरजा दिन में 10-12 बार अपने बच्चों को दूध पिला रही है। दो शावक पर्याप्त मात्रा में दूध पी रहे हैं, जबकि एक शावक थोड़ा कम दूध पी रहा है। सफारी पार्क के निदेशक डॉ. अनिल कुमार पटेल ने बताया कि यह नीरजा का दूसरा प्रसव है। नीरजा की मीटिंग गुजरात से आए नर शेर कान्हा से 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2024 के बीच हुई थी। होली के दौरान प्रसव की संभावना को देखते हुए सफारी प्रशासन पूरी तरह सतर्क था। नीरजा का जन्म 12 दिसंबर 2020 को इसी सफारी पार्क में हुआ था। उसकी मां जेसिका ने भी कई शावकों को जन्म दिया है। जेसिका ने 2016 में सिम्बा और सुल्तान, 2017 में बाहुबली, 2019 में रूपा, सोना और भरत तथा 2020 में गार्गी और नीरजा को जन्म दिया था। सफारी पार्क प्रशासन सीसीटीवी कैमरों से शेरनी और शावकों की निगरानी कर रहा है। शेरनी करीब तीन महीने तक शावकों को दूध पिलाएगी। इसके बाद शावक मां के साथ मांस खाना शुरू कर देंगे। इसके अतिरिक्त सफारी पार्क की दिवंगत शेरनी जेनिफर जो 25 सितम्बर 2020 को गुजरात से लाई गयी थी। जिसकी मां जेसिका है, ने वर्ष 2020 में नर शावक केसरी तथा अगस्त 2022 में एक नर शावक विश्वा को जन्म दिया। यहां पर पैदा हुई बब्बर शेरनी रूपा द्वारा भी सितम्बर 2023 में एक नर शावक को जन्म दिया जा चुका है। इस प्रकार सफारी पार्क में तीनों नवजात शावकों के अतिरिक्त अब तक कुल 13 शावकों ने जन्म लिया है। तीनों नवजात शावक व मादा बब्बर शेरनी की विशेष देखभाल पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से शेरनी नीरजा एवं नवजात शावकों के स्वास्थ्य एवं व्यवहार पर सफारी पार्क के सफारी पार्क के सलाहकार गुजरात के डा सी एन भुवा, पशुपालन विभाग के डा आर के सिंह, सफारी पार्क के पशु चिकित्सक डा रोबिन सिंह यादव एवं डा शैलेन्द्र सिंह द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है। सफारी पार्क में नवजात शावकों के जन्म लेने से वर्तमान में बब्बर शेरों की संख्या 18 हो गयी है। ज्ञातव्य है कि गुजरात के अतिरिक्त एशियाई बब्बर शेर का एकमात्र प्रजनन केन्द्र उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा में है, जहां इनका सफल प्रजनन हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *