इटावा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। इस बार वजह बनी है सोशल मीडिया पर साझा की गई भगवान श्रीकृष्ण की एक विशेष तस्वीर। इसमें भगवान कृष्ण सुदर्शन चक्र धारण किए हैं। यह कांस्य की मूर्ति अखिलेश यादव ने अपने पैतृक गांव में निर्माणाधीन है। ऐसे समय में यह पोस्ट सामने आई है, जब अखिलेश यादव अपने गृह जनपद इटावा में समाजवादी पार्टी की पहली पीडीए रैली को संबोधित करने जा रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में इस पोस्ट को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि अखिलेश यादव की बदली हुई रणनीति का संकेत है।अपने सोशल मीडिया साइड एक्स पर उन्होंने मूर्ति की नई फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है सुदर्शन जिसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
प्रतीकवाद में सियासत का संदेश
महाभारत में सुदर्शन चक्र धर्म और न्याय का प्रतीक रहा है। भगवान श्रीकृष्ण ने इसे तभी उठाया जब अन्य उपाय विफल हो गए। यही संदेश अखिलेश यादव द्वारा साझा की गई तस्वीर में देखा जा रहा है एक संकेत कि अब वे रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक राजनीति की ओर बढ़ने को तैयार हैं।
जिस प्रकार अखिलेश यादव ने पीडीए को लेकर राजनीतिक गलियारों में एक नई हलचल मचा रखी है। संसद में भी समाजवादी पार्टी के सांसद के बयान के बाद जो खलबली मची हुई है।