इटावा। प्रोवेशन कार्यालय द्वारा संचालित सखी वन स्टॉप में आरती की मौत ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। 27 मार्च की रात, आरती ने सखी वन स्टॉप सेंटर की रसोई में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आरती ग्राम कल्याणपुर, थाना चौबिया निवासी केवल सिंह की बेटी थी। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया।जिलाधिकारी अवनीश राय के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक अभ्यनाथ त्रिपाठी और जिला प्रोबेशन अधिकारी सूरज सिंह ने अपनी रिपोर्ट डीएम और एसएसपी को सौंप दी है। रिपोर्ट में सामने आईं खामियां चौकाने वाली हैं। सेंटर में रात के वक्त न तो पर्याप्त निगरानी थी और न ही कोई नियमित निरीक्षण की व्यवस्था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से महिला आरक्षी स्वाति राठौर को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा महिला आरक्षी टीना सिंह, आरती और पूजा देवी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, ड्यूटी पर तैनात महिला होमगार्ड सीनू यादव और राजश्री के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट जिला कमांडेंट को भेजी गई है।एसएसपी वर्मा ने साफ कहा है कि संवेदनशील संस्थानों में तैनात कर्मियों को बेहद सतर्क रहना होगा। किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरती की मौत के बाद उसके परिजनों ने वन स्टॉप सेंटर पहुंचकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की। वहीं, सामाजिक संगठनों ने भी घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए सेंटर की कार्यप्रणाली की समीक्षा और वहां रह रहीं अन्य बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। बता दें कि सखी वन स्टॉप सेंटर संकट में फंसी महिलाओं और किशोरियों को सुरक्षा, काउंसलिंग, कानूनी सहायता और पुनर्वास जैसी सेवाएं देता है। लेकिन आरती की मौत ने इन दावों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
सखी वन स्टॉप सेंटर में हुई नाबालिक की मौत हुई बड़ी कार्यवाही
