गहरी नींद में सो गया है जनपद का जिला अस्पताल
रात्रि 11:00 के बाद नर्सिंग स्टाफ चादर तान फरमाता है आराम
रियलिटी चेक में सामने आई जिला अस्पताल की तस्वीर
इटावा। डॉ भीमराव अंबेडकर संयुक्त पुरुष चिकित्सालय के सीएमएस तो बदल गये लेकिन नहीं बदली तो यहां की चरमराई हुई व्यवस्थाएं। रात्रि के समय अमर भारती की टीम द्वारा जिला अस्पताल का रियलिटी चेक किया गया जिसमें जिला अस्पताल के प्रथम तल और तृतीय तल पर ड्यूटी स्टाफ चादर तान कर आराम फरमाता नजर आया। प्रत्येक तल पर रात्रि के समय तीन स्टाफ तैनात किए गए है। लेकिन प्रथम तल के दो स्टाफ सोते हुए और तृतीय तल का स्टाफ वार्ड के मुख्य द्वार पर ताला मारकर आराम फरमाते नजर आए।
जिला अस्पताल में जब रात्रि के समय स्टाफ सोएगा तो अस्पताल में भर्ती मरीज की आखिर देख रेख कौन करेगा यह बड़ा सवाल है। बीते माह में ही संयुक्त जिला अस्पताल पुरुष के सीएमएस एम एम आर्या का तबादला हुआ है। उनके स्थान पर डॉ परितोष शुक्ला पुरुष अस्पताल के सीएमएस नियुक्त हुए थे। जिसके बाद लग रहा था कि शायद अब जिला अस्पताल पुरुष की व्यवस्थाएं सुधर जायेगी। लेकिन जमीनी हकीकत जब जानने की कोशिश की गई तो व्यवस्थाएं जस की तस नज़र आई। अधिकारी बदले लेकिन नहीं बदली तो यहां की घोर लापरवाही। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती मरीजों का इलाज रात में ईश्वर के भरोसा किया जा रहा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है कि, क्योंकि सोमवार बीती रात 12 बजे जब जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं का रियल्टी चैक किया गया तो वहां की व्यवस्थाएं ईश्वर भरोसे ही दिखाई दी। जिला अस्पताल के प्रथम तल पर स्टाफ के तीन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। जिनमें नर्सिंग ऑफिसर शिल्पी ड्यूटी पर तैनात दिखी, वार्ड बॉय जमीन पर गद्दा बिछाए आराम फरमाते कैमरे में कैद हुए। अन्य एक स्टाफ वार्ड में गया था। इसी के साथ साथ जब अस्पताल के द्वितीय तल पर पहुंचे तो वहां दो स्टाफ काम करते नजर आए। नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि दो लोगों की रात्रि में ड्यूटी है। जोकि अपने काम में जुटे दिखाई दिए। लेकिन जब अस्पताल के तृतीय तल पर यहां की व्यवस्थाएं देखी तो यहां की तस्वीरें हैरान करने वाली थी। यहां मुख्य वार्ड के द्वार पर अन्दर से ताला जड़ा हुआ था। एक दीवार पर लिखा था कि, ताला लगा होने पर घंटी बजाए, जब अमर भारती की टीम के द्वारा कई आवाज देने के बाद भी कोई स्टाफ गेट खोलने नहीं आया तो, दीवार पर लगी घंटी करीब पांच मिनट तक बजाने के बावजूद भी कोई बाहर निकल कर नहीं आया। कई आवाजें देने के बाद दो लोग गेट की तरफ आँखे मलते हुए आए और पूछा कि, किस मरीज के साथ हो, जब टीम ने कैमरा चलाया तब जाकर स्टाफ ने गेट खोला और नींद से जागे तीनों कर्मचारियों ने पहले मीडिया टीम पर अपना रौब गांठना शुरू किया और नर्सिंग ऑफिसर जिनेन्द्र ने मीडिया कर्मियों से उल्टा पूछताछ शुरू कर दी। जब उनसे ऑन कैमरा बात की तो उन्होंने रजिस्टर को उठाते हुए ड्यूटी पर तैनात होने का हवाला दिया और बताया कि यहां मोबाइल चोरी हो जाते है इसलिए गेट पर ताला डाल देने की बात कहते हुए कैमरे से मुंह छिपाते हुए अपने शयन कक्ष में भाग गए और दरवाजा बंद कर दिया। इटावा जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं रियलिटी चेक में ईश्वर के भरोसे से नजर आई। इस पूरे प्रकरण को लेकर जवाब देने का और भारती की टीम ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक परितोष शुक्ला से बात की तो उन्होंने बताया कि प्रकरण जैसे ही मेरे संज्ञान में आया तो तत्काल मौखिक रूप से संबंधित कर्मचारियों को आदेशित कर दिया गया है कि अब इस तरीके की पुनरावृत्ति दोबारा न होने पाए अगर दोबारा उन लोगों के द्वारा ऐसी पुर्नवृत्ति की जाती है तो उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।