इटावा। जनपद के जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें सोलर पावर प्लांट की स्थापना, भूमि चिह्नांकन एवं सिण्डौस मार्ग से संबंधित विषयों पर गहन चर्चा की गई। बैठक में वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में डीएम ने जानकारी दी कि पीएम कुसुम सी-2 योजना के अंतर्गत इच्छुक किसान अपनी भूमि को लीज पर देकर या स्वयं सोलर प्लांट स्थापित कर स्थायी आमदनी का माध्यम बना सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह भूमि 33/11 केवी सब-स्टेशन से 5 किमी के दायरे में होनी चाहिए, जिससे सौर ऊर्जा के समुचित दोहन में सुविधा होगी और किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होगा।उन्होंने बताया कि इस योजना का प्रमुख उद्देश्य कृषि फीडरों का सौर ऊर्जीकरण कर किसानों की आय में वृद्धि करना है, साथ ही जनपद को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना भी इस योजना का लक्ष्य है। बिजली विभाग द्वारा 25 सालों के लिए सौर ऊर्जा की खरीद के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) किया जाएगा, जिससे किसानों को बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी और उन्हें स्थायी आय का स्रोत प्राप्त होगा। योजना के तहत निजी भूमि पर सोलर प्लांट स्थापित करने की स्थिति में किसान अपनी भूमि लीज पर देकर अनुमानित 50 हजार प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की आय प्राप्त कर सकते हैं। यह लीज अवधि 26 वर्षों की होगी, जो किसानों को दीर्घकालिक आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार गौतम, अपर पुलिस अधीक्षक सत्यपाल सिंह, सभी उपजिलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
किसानों से 25 साल तक बिजली खरीदेगा विभाग, 1 एकड़ जमीन पर प्रति वर्ष किसान को मिलेंगे 50 हज़ार
