इटावा।सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव साहिब के शहीदी दिवस पर गुरुतेग बहादुर साहिब में अखंडपाठ व शबद कीर्तन का आयोजन किया गया।इसमें मानवता के लिए महान शहीदी देने वाले गुरु से प्रेरणा लेने का सभी से आग्रह किया।
कार्यक्रम में गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष तरनपाल सिंह कालड़ा ने अपने संबोधन में बताया कि गुरु अर्जुन देव की सबसे बड़ी देन श्री गुरुग्रंथ साहिब की संपादना हैं।अमृतसर में हरिमंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) का निर्माण करके गुरुग्रंथ साहिब को विराजमान कर दिया।उन्होंने कहा कि गुरु अर्जुन देव मानवता के कल्याण व धर्म की रक्षा के लिए निरंतर कार्यरत रहे हैं।गुरु ने ऊंच नींच का भेदभाव कभी भी नहीं माना।मानवता के लिये महान शहीदी देते हुए समाज को ठंडक प्रदान करने वाले गुरु से लोगों ने सेवा व त्याग की प्रेरणा ली।उन्होंने अपनी शहादत के समय कहा कि तेरा कीया मीठा लागे,हरिनाम पदारथ नानक मांगे। अर्थात् तेरी रजा में ही मैं राज़ी।सन 1606 में वह मानवता के लिए अपनी शहादत दे गए।उन्होंने कहा कि गुरु अर्जन देव जी द्वारा मानवता व धर्म की रक्षा के लिए दी गई शहादत युग युगांतर तक चिरस्मरणीय रहेगी, भक्ति और शक्ति एवं मीरी और पीरी का संकल्प इसी शहादत की उपज थी।गुरु अर्जुन देव की शहीदी सिख धर्म की स्थापना में महत्वपूर्ण शहीदी थी।
यह दिन गुरु अर्जन देव जी के बलिदान और धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को याद करने और मनाने का दिन है।यह शहादत सिख धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है और यह गुरु अर्जन देव जी के साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरदीप सिंह व किशन सिंह व स्त्री सत्संग की अगुवाई में 40 दिन से चल रहे सुखमनी साहिब के पाठ की लड़ी का समापन किया गया।गुरुद्वारे में बच्चों ने सामूहिक सबद गाकर सभी का दिल जीता।महिला श्रद्धालओं ने कविताएं व सबद सुनाकर शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर गुरुद्वारे के गेट पर राहगीरों को काले चने का प्रसाद व ठंडी लस्सी के रूप में प्रसाद बांटा गया।
इस मौके पर मनदीप सिंह कालड़ा,चरणजीत सिंह,राजा साहनी खजांची व रिंकू मोगा राजू गुलाटी ने भी गुरु अर्जुन देव की शहादत पर सभी संगत की सेवा और व्यवस्था संचालन और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए निरंतर सेवा की।
इस अवसर पर चालीस दिन से सुखमनी साहिब के पाठ यज्ञ में सिख संगत,सिंधी समाज संगत व पंजाबी समाज संगत ने हर दिन सुबह समाप्ति के बाद प्रसाद लस्सी की छबील लगाकर सभी के साथ मिलकर सेवा करके गुरु अर्जन देव जी की शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित की।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद किया।