इटावा। प्यार जब सच्चा हो तो न रस्मों की ज़रूरत होती है और न सामाजिक बंधनों की परवाह। कुछ ऐसा ही दृश्य इटावा कचहरी परिसर में उस समय देखने को मिला जब एक प्रेमी युगल ने भगवान को साक्षी मानकर एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर शादी रचा ली। इस विवाह में न शहनाई बजी, न अग्नि के सात फेरे हुए, सिर्फ भावनाओं का आदान-प्रदान और जीवनभर साथ निभाने का संकल्प था। इटावा जिले के मढैया दिलीप नगर निवासी भोले शंकर (23) और बिहार की रहने वाली पन्ना कुमारी (22) पिछले 10 महीनों से एक-दूसरे को प्रेम करते थे। दोनों की मुलाकात दिल्ली की एक निजी कंपनी में काम के दौरान हुई थी। जब परिवार वालों ने उनके रिश्ते को स्वीकार नहीं किया, तो पन्ना अपने प्रेमी से मिलने के लिए बिहार से सीधे इटावा पहुंच गई। प्रेमी-प्रेमिका कोर्ट मैरिज करने के इरादे से कचहरी पहुंचे, लेकिन लड़की के परिजन भी विवाह रोकने वहां पहुंच गए। विवाद की स्थिति बनती देख अधिवक्ता अमित त्रिपाठी ने मध्यस्थता करते हुए दोनों पक्षों को समझाया और मंदिर परिसर में विवाह का प्रस्ताव रखा। सभी की सहमति के बाद कचहरी स्थित मंदिर में वर-वधु ने एक-दूसरे को माला पहनाई और भगवान को साक्षी मानकर विवाह के बंधन में बंध गए। विवाह के बाद दोनों परिवारों ने भी इस रिश्ते को मान्यता दे दी। अधिवक्ता ने बताया कि शीघ्र ही दोनों की रजिस्टर्ड शादी भी करवाई जाएगी, जिससे किसी प्रकार की कानूनी बाधा उत्पन्न न हो। अधिवक्ता अमित त्रिपाठी ने यह भी कहा कि समाज को अब प्रेम विवाह को स्वीकार करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। आए दिन प्रेम में विफल होने के कारण आत्महत्या जैसे मामले सामने आते हैं, जिन्हें समझदारी और संवाद से रोका जा सकता है। भोले शंकर ने बताया, हम दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन परिवार की असहमति के कारण रास्ता कठिन था। आज हम एक हुए और बहुत खुश हैं। वहीं, पन्ना कुमारी ने भावुक होते हुए कहा, हम दोनों एक-दूसरे से सच्चा प्यार करते हैं। मैंने अपने दिल की सुनी और आज अपने प्यार को जीवनसाथी बना लिया।
कलेक्ट्रेट परिसर में युवक युवती ने की शादी
