जिला अस्पताल में एक्सरे मशीन बंद,मरीजों को लौटना पड़ा खाली हाथ

इटावा। जिला अस्पताल में एक्सरे मशीन के अचानक खराब हो जाने से सोमवार को सैकड़ों मरीजों को बिना जांच के ही लौटना पड़ा। ट्रॉमा सेंटर और हड्डी रोग विभाग से एक्सरे लिखवाकर आए मरीजों को जब मशीन बंद होने की जानकारी मिली, तो कई घंटे इंतजार के बाद मायूसी के साथ उन्हें लौटना पड़ा। वहीं, जिनके लिए एक्सरे कराना बेहद जरूरी था, वे निजी जांच केंद्रों का रुख करने को मजबूर हुए और उन्हें जेब ढीली करनी पड़ी। दरअसल, डॉ. भीमराव आंबेडकर संयुक्त जिला अस्पताल की डिजिटल एक्सरे मशीन शनिवार दोपहर से ही खराब पड़ी है। रविवार को साप्ताहिक अवकाश के चलते अस्पताल बंद रहा, लेकिन सोमवार सुबह भी मशीन चालू नहीं हो सकी। अस्पताल में प्रतिदिन करीब 150 से 200 मरीज एक्सरे के लिए आते हैं। सोमवार को भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे, परंतु उन्हें अस्पताल स्टाफ द्वारा यह कहकर लौटा दिया गया कि मशीन तकनीकी खराबी के चलते बंद है। स्टाफ के मुताबिक, बार-बार बिजली आने-जाने से मशीन के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी आई है। संबंधित तकनीकी कंपनी को सूचना दे दी गई है, लेकिन अभी तक इंजीनियर नहीं पहुंचे हैं। अस्पताल सूत्रों की मानें तो यह मशीन वर्षों से बिना यूपीएस (अनइंटरप्टेड पावर सप्लाई) के चलाई जा रही है। पुराने यूपीएस में खराबी आने के बाद से उसकी मरम्मत या बदलाव नहीं किया गया, जिससे मशीन बार-बार खराब हो जाती है। मरीजों और तीमारदारों ने बताया कि सरकारी अस्पताल में हर दिन आने वाले मरीजों के लिए एक्सरे एक जरूरी जांच होती है। लेकिन मशीन की अनदेखी से उन्हें निजी सेंटरों में महंगी जांच करवानी पड़ती है, जो गरीब और जरूरतमंद मरीजों के साथ अन्याय है। इस लापरवाही के चलते जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। मरीजों ने प्रशासन से मांग की है कि मशीन को तत्काल दुरुस्त कराया जाए और उसे यूपीएस से जोड़ा जाए, ताकि भविष्य में मरीजों को ऐसी परेशानी न उठानी पड़े।

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