इटावा। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला अस्पताल में सोमवार को उस वक्त शर्मनाक स्थिति देखने को मिली जब एक बुजुर्ग महिला से अस्पताल स्टाफ ने स्ट्रेचर की सफाई कराई और कहा गया कि सफाई के बाद ही उसका आधार कार्ड लौटाया जाएगा। यह घटना अस्पताल की लचर व्यवस्थाओं और स्टाफ की संवेदनहीनता को उजागर करती है। जसवंतनगर क्षेत्र के धनुआ गांव की रहने वाली राममूर्ति अपने घायल पुत्र सोमेश को ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए लाई थीं। प्लास्टर चढ़वाने के बाद जब उन्होंने बेटे को ऑटो में बैठा दिया और स्ट्रेचर वापस करने पहुंचीं, तो इमरजेंसी के बाहर मौजूद कर्मचारी ने स्ट्रेचर पर लगे प्लास्टर की धूल खुद साफ करने को कहा। महिला ने जब समय की कमी और गर्मी का हवाला देकर मना किया तो स्टाफ ने आधार कार्ड देने से इनकार कर दिया। महिला के साथ आए युवक ने जब सफाई से मना कर दिया, तो बुजुर्ग महिला को मजबूरन अपने हाथों से स्ट्रेचर साफ करना पड़ा। यह वही स्ट्रेचर था जिस पर कभी घायल तो कभी मृत मरीजों को लाया जाता है। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना स्थल पर सीसीटीवी कैमरा भी मौजूद था, जिससे पूरे घटनाक्रम की पुष्टि की जा सकती है। ऐसे मामलों से पहले भी अस्पताल की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं। कई बार मरीजों को स्ट्रेचर न मिलने पर तीमारदारों को उन्हें गोद में लेकर इमरजेंसी तक पहुंचाना पड़ा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. परितोष शुक्ला ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा, “बुजुर्ग महिला से सफाई कराना गंभीर मामला है। संबंधित कर्मचारी की ड्यूटी की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। तीमारदार से सफाई कराना नियमों के खिलाफ है और जिम्मेदार कर्मचारी का वेतन काटा जाएगा।“ प्रदेश सरकार जहां स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए प्रयासरत है, वहीं जिला अस्पतालों की ऐसी घटनाएं व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े करती हैं। अब देखना यह है कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है या यह भी अन्य मामलों की तरह अनदेखा रह जाएगा।
स्ट्रेचर साफ करो,तब मिलेगा आधार कार्ड- जिला अस्पताल में बुजुर्ग महिला से स्ट्रेचर कराया साफ
