नहर किनारे मिली नवजात को मिला ममता का सहारा, तान्या शर्मा बनीं जीवनदायिनी

(प्रेम कुमार शाक्य)
जसवंतनगर/इटावा। कभी-कभी इंसानियत के ऐसे उदाहरण सामने आते हैं, जो समाज को संवेदनशीलता और करुणा का नया आयाम देते हैं।
भोगनीपुर नहर के पास उस समय एक मार्मिक दृश्य सामने आया, जब एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में पाई गई। लेकिन सौभाग्य से उस बच्ची की जिंदगी उस समय बदल गई, जब एक युवती तान्या शर्मा ने उसे न केवल बचाया, बल्कि जीवन भर के लिए अपनाने का निर्णय लेने की बात कही है।
भतौरा ग्राम निवासी तान्या शर्मा गुड़गांव की एक फाइनेंस कंपनी में कार्यरत हैं स्कूटी से इटावा जा रही थीं। रास्ते में भोगनीपुर नहर पुल के पास उनकी स्कूटी अचानक खराब हो गई। स्कूटी की जांच के दौरान तान्या को किसी नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज की दिशा में जाने पर उन्होंने देखा कि झाड़ियों के पास गंदे कपड़ों में लिपटी एक नवजात बच्ची पड़ी हुई थी। तान्या ने बिना देर किए बच्ची को उठाया और अपने घर ले जाकर उसकी देखभाल की। बच्ची को हल्का बुखार था, इसलिए सुबह तान्या ने उसे सीएचसी में भर्ती कराया जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे सैफई मेडीकल यूनिवर्सिटी रेफर दिया। इसके बाद में तान्या ने स्थानीय थाने में जाकर पूरी घटना की जानकारी दी और बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है जैसे यह बच्ची मेरे जीवन में किसी वरदान की तरह आई है। मैं इसे अपनी बेटी मानकर पालना चाहती हूं। इलाके में तान्या की इस मानवीय पहल की सराहना की जा रही है। वहीं नवजात को नहर किनारे छोड़ने वाले अज्ञात लोगों के प्रति गहरा आक्रोश भी व्यक्त किया गया है। स्थानीय नागरिकों ने कहा कि ऐसे मामलों में दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। तान्या शर्मा की यह पहल न केवल एक नवजात को नया जीवन देने वाली है, बल्कि यह समूचे समाज को मानवता और मातृत्व की नई परिभाषा भी दे रही है।
बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। बाल सरंक्षण विशेषज्ञ का कहना है कि पुलिस को लावारिश मिली बच्ची को बाल कल्याण समिति के सम्मुख प्रस्तुत करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *