जसवंतनगर/इटावा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इटावा की ओर से धनीराम शाक्य इंटर कॉलेज धौलपुर खेड़ा में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम हेतु बनाए गए पोश एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के वक्ता रामसुंदर दुबे ने पोश एक्ट की प्रमुख धाराएं, कार्यस्थल की परिभाषा, यौन उत्पीड़न की श्रेणियां, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया तथा कानून में निर्धारित दंडात्मक प्रावधानों पर सरल एवं स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला। पोश एक्ट का उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित, गरिमामय और भेदभाव-मुक्त वातावरण प्रदान करना है। शिक्षकों एवं छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि हर संस्था जिसमें 10 या उससे अधिक कर्मचारी हों, वहां आंतरिक शिक़ायत समिति का गठन करना कानूनन अनिवार्य है। इसी संदर्भ में विद्यालय में भी उक्त समिति के गठन की सिफारिश की गई।
इस अवसर पर उपस्थित सामाजिक विशेषज्ञ प्रेम कुमार शाक्य ने महिलाओं के लिए पोश एक्ट के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे यह कानून महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाता है और उन्हें कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है। इसके गठन व कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समिति को 90 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होती है जो शिकायत दर्ज होने की तारीख से गिना जाता है। जांच पूरी होने के बाद समिति अपनी कार्रवाई सिफारिशें नियोक्ता को देती है नियोक्ता को 10 दिनों के भीतर समिति की सिफारिशों पर कार्रवाई करनी होती है।
कार्यक्रम में पीएलवी कुमारी नीरज ने महिला अधिकारों पर प्रकाश डाला तथा पोश एक्ट के व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा करते हुए छात्राओं को उनके कानूनी अधिकारों और शिकायत करने के सुरक्षित तरीके समझाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी महिला को कार्यस्थल पर असहज महसूस होता है तो वह भी बिना किसी डर के शिकायत दर्ज करा सकती है।
अध्यक्षता कॉलेज प्रबंधक मीना शाक्य ने की। विशिष्ट उपस्थिति में निदेशक रामकरन सिंह शाक्य, प्रधानाचार्य पीएस यादव तथा विद्यालय के सभी शिक्षकगण, शिक्षिकाएं एवं अन्य स्टाफ सदस्य शामिल रहे। कॉलेज प्रबंधन की ओर से सभी अतिथियों को माल्यार्पण कर प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए तथा आभार व्यक्त किया गया।
महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम हेतु बनाए गए पोश एक्ट की विस्तृत जानकारी प्रदान कराई
