इटावा। हरियाणा के हथिनी कुंड गंगा बैराज से 3.27 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद इटावा जिले में यमुना और चंबल नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। नदियों के किनारे बसे गाँवों के बाद अब शहर के निचले इलाकों में भी पानी पहुंचना शुरू हो गया है।

बाढ़ के कारण इटावा के कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी प्रभावित हुए हैं। श्मशान घाट से लेकर मंदिरों तक में पानी भर गया है। शहर के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ काली वाहन मंदिर में भी पानी घुसने से श्रद्धालुओं में भय का माहौल है।
प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए कई इलाकों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है, ताकि किसी भी तरह के नुकसान से बचा जा सके। शहर के किनारे स्थित श्मशान घाट पर फिलहाल दाह संस्कार रोक दिया गया है। इसके बजाय, शवों का अंतिम संस्कार वैकल्पिक स्थानों पर करवाया जा रहा है।
इटावा वॉइस संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया जाना कि प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
