इटावा शहर धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह से सराबोर होने के लिए तैयार है, क्योंकि 7 नवंबर से 19 नवंबर तक हिंदू हॉस्टल ग्राउंड, रामलीला रोड पर 1108 कुण्डीय मृत्युंजय मां पीतांबरा महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह महायज्ञ न केवल इटावा के लिए बल्कि संपूर्ण हिंदुत्व और सनातन धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।

यज्ञ का उद्देश्य और महत्व
इस विशाल महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य भारत को पुनः “विश्व गुरु” के रूप में स्थापित करना और भारतीय संस्कृति को फिर से जागृत करना है। सनातन धर्म की परंपराओं और मूल्यों को मजबूती प्रदान करने के लिए यह आयोजन किया गया है। मृत्युंजय मां पीतांबरा महायज्ञ अपने आप में एक शक्तिशाली और कल्याणकारी अनुष्ठान माना जाता है, जो भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति प्रदान करेगा।
प्रमुख यज्ञाधीश: रामदास जी महाराज
इस महायज्ञ का नेतृत्व यज्ञाधीश रामदास जी महाराज करेंगे। उनके मार्गदर्शन में, यह यज्ञ अपने सभी आध्यात्मिक नियमों और परंपराओं के साथ संपन्न होगा। महाराज जी का आशीर्वाद और उनकी उपस्थिति इस आयोजन को और भी पवित्र बना देगी।

कार्यक्रम का विवरण
यह 13 दिवसीय कार्यक्रम सुबह से शाम तक चलेगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन शामिल होंगे। महायज्ञ में भाग लेने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु और संत-महात्मा आएंगे, जिससे यह आयोजन एक विशाल धार्मिक समागम का रूप लेगा।
आमंत्रण और भागीदारी
आयोजन समिति ने सभी धर्म प्रेमियों और श्रद्धालुओं से इस महायज्ञ में भाग लेने और पुण्य लाभ अर्जित करने का आह्वान किया है। यह अवसर सभी के लिए एक साथ आकर अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति अपनी आस्था को प्रकट करने का है।
यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर को संजोने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
