इटावा। नगर पालिका के वरिष्ठ लिपिक स्वर्गीय राजीव यादव की आत्महत्या के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से परिजनों में गहरी नाराजगी है। इसी बीच, समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और नारायणी सेना के संस्थापक मनीष यादव पतरे ने सोमवार को राजीव यादव के घर जाकर शोक संवेदना व्यक्त की और समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए।
आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर सवाल उठाए
स्वर्गीय राजीव यादव ने 26 सितंबर को नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष संटू गुप्ता सहित पाँच लोगों से प्रताड़ित होकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
मनीष यादव पतरे ने परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि वह इस लड़ाई में उनके साथ हैं और यदि समाज के लिए संघर्ष करना पड़ा तो वह सड़क पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
मनीष यादव पतरे ने इस मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए तीखी बयानबाजी की।
रामगोपाल यादव पर आरोप: उन्होंने सपा के प्रोफेसर रामगोपाल यादव पर संटू गुप्ता को बचाने और अधिकारियों को संरक्षण देने का सीधा आरोप लगाया। पतरे ने कहा कि रामगोपाल यादव के दबाव के कारण ही सपा का कोई भी नेता इस मामले में बयान देने की हिम्मत नहीं कर रहा है।
उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी घेरा और कहा कि अगर उनमें मुलायम सिंह यादव का डीएनए है, तो उन्हें राजीव यादव की ‘शहादत’ पर आरोपी को पार्टी से तुरंत निष्कासित कर कार्रवाई करनी चाहिए और पार्टी का स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए।
प्रशासन को चेतावनी
पतरे ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर भी संदेह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब पुलिस एनकाउंटर और NSA लगा सकती है, तो इस मामले में प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? उन्होंने मांग की कि दोषी आरोपियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई हो, अन्यथा यादव समाज और पीड़ित परिवार धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
