संवाददाता – अजय बाथम
इटावा। जिले में इन दिनों मिट्टी खनन माफिया एक बार फिर पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं और बड़े पैमाने पर अवैध मिट्टी खनन को अंजाम दे रहे हैं। ये माफिया रात के अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिस, प्रशासन और खनन विभाग को खुली चुनौती दे रहे हैं। खनन का यह खेल जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बेखौफ होकर चल रहा है, जिस पर पुलिस की शून्य कार्यवाही कई गंभीर सवाल खड़े करती है।
अधिकारियों की अनुपस्थिति में माफिया सक्रिय
सूत्रों के अनुसार, खनन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी की अनुपस्थिति के चलते मिट्टी माफिया पूरी तरह हावी हो गए हैं। खनन अधिकारी का ट्रांसफर हो जाने और नए अधिकारी के जिले में वर्तमान में भ्रमणशील न होने के कारण अवैध खनन में तेजी आई है। माफिया इस प्रशासनिक कमजोरी को अपनी ढाल बनाकर मानिकपुर क्षेत्र के जोधपुरा, सितौरा, चितभवन, संतोषपुर, महातुआ और लुहन्ना जैसे क्षेत्रों में पूरी “सेटिंग” के साथ रात भर अवैध खनन और परिवहन को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस की शून्य कार्यवाही पर गंभीर प्रश्न चिन्ह
यह आश्चर्य की बात है कि मिट्टी खनन में प्रयुक्त होने वाले JCB मशीनों और ट्रैक्टरों को पुलिस आसानी से पकड़ सकती है, जैसा कि विगत दिनों चकरनगर पुलिस ने करके दिखाया था। बावजूद इसके, अन्य थाना क्षेत्रों की पुलिस की ओर से रात में हो रहे इस अवैध कारोबार पर कोई कार्यवाही नहीं होना, एक गंभीर प्रश्न है। रात भर JCB लगने और मिट्टी खनन होने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है, और पुलिस की इस निष्क्रियता को स्थानीय लोग मिलीभगत और सांठगांठ की ओर इशारा मान रहे हैं।
इटावा का मानिकपुर बना अवैध खनन का मुख्य केंद्र
जिले में मौजूदा समय में मानिकपुर क्षेत्र अवैध खनन और परिवहन का सबसे बड़ा केंद्रबिंदु बन गया है। यहां कोई न कोई मिट्टी माफिया रात में JCB मशीन लगाकर मिट्टी का अवैध खनन परिवहन करता है। यह चौंकाने वाला है कि मानिकपुर पुलिस चौकी से मात्र कुछ ही दूरी पर जब मिट्टी के डंफरों व ट्रैक्टरों की लगातार आवाजाही होती है, तो चौकी को इसकी आहट तक नहीं लगती है।
माफिया कभी जोधपुरा, कभी सितौरा, तो कभी मानिकपुर बाईपास पर गौशाला के पास JCB लगाकर खनन करते हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो यह पूरा खेल “सेवा शुल्क” या “Entry फीस” देने के बाद बेखौफ होकर अंजाम दिया जाता है जिसके चलते रात भर यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से चलता रहता है। खनन माफियाओं के गुर्गे रात में चारों दिशाओं में फैले रहते है जो रेकी करने का काम करते है। अगर कोई अधिकारी निकले तो उसकी जानकारी खनन करने वालों दे दी जाती है जिससे गाड़ियों को इधर उधर से कर दिया जाता है। और उनके इशारे पर पुनः खनन शुरू हो जाता है।
