इटावा में सदर विधायक ने छठी मईया पुस्तक का किया लोकार्पण
अजय कुमार बाथम
इटावा। भारतीय संस्कृति और विभिन्न क्षेत्रों के त्योहारों के बढ़ते चलन के बीच, अब बिहार का महापर्व छठ पूजा उत्तर प्रदेश में भी बड़े स्तर पर मनाया जाने लगा है। इसी क्रम में, जनपद इटावा में समारंभा फाउंडेशन NGO की अध्यक्ष रिचा राय द्वारा छठ पूजा से संबंधित एक पुस्तक का अनावरण करवाया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सदर विधायक सरिता भदौरिया रहीं,कार्यक्रम आयोजक ने सदर विधायक सरिता भदौरिया को माला पहना कर भव्य स्वागत किया। जिन्होंने इस महत्वपूर्ण पुस्तक का लोकार्पण किया।

इस पुस्तक में छठ पूजा से संबंधित विस्तृत जानकारी दर्शाई गई है, जिसका उद्देश्य इस त्यौहार के वैदिक और वैज्ञानिक महत्व को जन-जन तक पहुँचाना है।
भारतीय संस्कृति में व्रत-उपवास का महत्व
पुस्तक लोकार्पण के बाद, मीडिया से बातचीत करते हुए सदर विधायक सरिता भदौरिया ने कहा कि भारतीय संस्कृति में बहुत से व्रत-उपवास की धर्म में व्यवस्था है। उन्होंने बिहार में छठी मैया के व्रत के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “बिहार में छठी मैया का जो व्रत हमारी बहनें रखती हैं, इसका बड़ा महत्व है।”
उन्होंने आगे कहा, “आज इस पुस्तक का अनावरण किया गया है, जिसमें लेखिका रिचा राय द्वारा बहुत जानकारी दर्शायी गई हैं। उत्तर प्रदेश में पहले महाराष्ट्र से गणेश पूजन आया, गुजरात से डांडिया माता पूजन की संस्कृति प्रचलन में शुरू हुई है। अगर पूरे देश में एक ही संस्कृति चलती है तो यह अच्छी बात है।”
छठ पूजा एक वैदिक त्यौहार: रिचा राय
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य महिलाओं ने भी छठ मैया के व्रत के बारे में जानकारी हासिल की और इसे करने के लिए उत्साहित दिखीं।

वहीं, समारंभा फाउंडेशन की अध्यक्ष रिचा राय ने इस पुस्तक की महत्ता बताते हुए कहा कि आज छठ पूजा के कालखंड में पहला दिवस था। उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूँ इस किताब के माध्यम से पूरे देश को पता होना चाहिए कि छठ पूजा एक वैदिक त्यौहार है। वेदों की संस्कृति से जुड़ा यह एक ऐसा त्यौहार है जो वेद से जुड़ा हुआ है। छठी मैया एक विज्ञान है, भारतीय परंपरा का शोध है। इस पुस्तक के माध्यम से यह प्रेरणा आप सब तक पहुँचेगी, इसीलिए इस पुस्तक का अनावरण कराया गया है।”

इस कार्यक्रम के दौरान इटावा के कवियों ने अपनी रचित कविताओं से सबका मन मोह लिया और वहां उपस्थित श्रोताओं ने कवियों की कविताओं पर जोर जोर ताली बजाकर उत्साह वर्धन किया।
