51 हज़ार मातृशक्तियों की भव्य कलश यात्रा की पीतवर्णी आध्यात्मिक आभा से आलोकित हो उठी इटावा नगरी

राजेन्द्र भसीन 

इटावा।आज इष्टिकापुरी (इटावा) की पावन भूमि ने इतिहास रच दिया।रामलीला मैदान के बगल में स्थित हिन्दू हॉस्टल प्रांगण में हो रहे 1108 कुंडीय मृत्युंजय मां पीतांबरा महायज्ञ को दिव्यता एवं भव्यता प्रदान करने के लिए शनिवार को निकाली गई कलश यात्रा में मातृ शक्ति का ऐसा विशालतम समूह उमड़ा कि पूर्व घोषित 51 हजार की संख्या भी छोटी पड़ गई और उनका ओर छोर देखने के लिए कैमरों की जूम रेंज भी बौनी साबित हो गई।

जब असंख्य मातृशक्तियाँ पीताम्बर धारण कर, मस्तक पर कलश लिए,वैदिक मंत्रों और भक्ति गीतों के साथ नगर की सड़कों से गुज़रीं,तो सम्पूर्ण इटावा पीतवर्णी आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित हो उठा।यह यात्रा केवल एक शोभायात्रा नहीं, बल्कि भारत की सनातन चेतना का पुनर्जागरण थी जिसने इटावा को पुनः उसकी ‘इष्टिकापुरी तपोभूमि’ की महिमा से जोड़ दिया।

पीतवस्त्र धारण किए, भक्ति और श्रद्धा में रची-बसी यह यात्रा मानो देवत्व का मूर्त स्वरूप बन गई, जिसने नगर के कण-कण में अध्यात्म की गूंज भर दी।

इटावा से पूर्व में कन्नौज में निकली 21 हज़ार मातृशक्तियों की कलश यात्रा भव्य कही गई थी,परन्तु इष्टिकापुरी की यह यात्रा उस रिकॉर्ड को पार कर,एक अद्वितीय और युगांतकारी आयोजन के रूप में स्थापित हुई।

यज्ञाधीश पूज्य गुरु श्री रामदास जी महाराज ने इस ऐतिहासिक अवसर पर कहा “यह यात्रा केवल नगर की परिक्रमा नहीं,बल्कि इष्टिकापुरी की आत्मा का जागरण है।यहाँ के धर्मनिष्ठ लोगों ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज यज्ञभाव में जागृत होता है,तो ईश्वर स्वयं उसमें सहभागी बनते हैं।”

 

पूरे नगर में आज भक्ति, उल्लास और वैदिक ऊर्जा का अनुपम संगम देखने को मिला। घर-घर के द्वार पर कलश यात्रा का स्वागत हुआ, मार्गों पर पुष्पवर्षा और शंखनाद गूंज उठे। यह केवल आयोजन नहीं एक सांस्कृतिक नवजागरण था जिसने इटावा को आध्यात्मिक केंद्र के रूप में पुनः स्थापित कर दिया।

शनिवार को यज्ञ स्थल पर प्रातः दस बजे से ही दिव्य पीताम्बरा आभा को बिखेरती हुईं माताओं,बहनों,बेटियों का हाथ में कलश लिए हुए आना शुरू हो गया और बारह बजते बजते तक पूरा प्रांगण मातृ शक्ति के समूह से खचाखच भर गया।

यज्ञाधीश पूज्य श्री रामदास जी महाराज ने आचार्यों के स्वस्तिवाचन और फिर आरती पूजन के बाद जैसे ही कलश यात्रा आरम्भ कराई,पीताम्बरा माई की जय,हर हर महादेव, यज्ञ भगवान की जय और पूज्य गुरु महाराज की जय के घोष से गुंजायमान हो उठा।

कलश यात्रा के शुभारंभ अवसर पर सदर विधायक सरिता भदौरिया ने भी कार्यक्रम स्थल पर आकर पूजन अर्चन किया और कांधे पर पालकी उठाकर यात्रा में चलीं।

सबसे आगे पालकी पर वेद भगवान,भव्य रथों पर पूज्य संत योगी राकेशनाथ जी ऋषिकेश,पिलुआ धाम के पीठाधीश्वर महंत हर भजन दास महाराज,संत शिवम शंभू महाराज जी शोभायमान हुए जिनके दर्शन करके भक्त श्रद्धालु धन्य हुए और ढोल नगाड़ों की गूंज तथा भजन संकीर्तन के साथ जब इटावा के इतिहास की यह अभूतपूर्व कलश यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों,रामलीला रोड,भारों वाला चौराहा,सिंधी मार्केट, तहसील चौराहा,बजाजा लाइन,नगर पालिका चौराहा, पक्की सराय,तिकोनिया, नौरंगाबाद चौराहा,साबित गंज चौराहा,रामगंज चौराहा, कटरा सेवाकली,तकिया आजादगान से पक्का बाग चौराहा होते हुए जब वापस यज्ञ स्थल पर पहुंची तो दर्शनार्थी लोगों की आंखें चौंधिया सी गईं।

यात्रा में अनेक स्थानों पर दुकानदार भाइयों ने अपने अपने प्रतिष्ठानों से जमकर पुष्प वर्षा की और आरती पूजन किया। कई स्थानों पर लोगों शीतल पेय,जल, बिस्किट फल मिष्ठान का वितरण भी किया।

इस यात्रा में नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति गुप्ता भी अपनी सभासद साथियों के साथ कलश यात्रा में शामिल हुईं। उन्होंने बताया सनातन धर्म सम्मेलन में बड़ा कार्यक्रम है ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए।

यज्ञाधीश श्री रामदास जी महाराज ने समस्त नगर वासियों से आह्वान किया कि वे आगामी 1108 कुण्डीय महायज्ञ में तन-मन-धन से सहभागिता करें और अपने जीवन को ‘यज्ञमय’ बनाएं।

भव्य कलश यात्रा को सफल बनाने में जनमेजय सिंह भदौरिया,पंकज तिवारी बबलू, डा.जय किशन तिवारी,अमित दीक्षित,अल्लू ठाकुर,पूनम पांडेय,नमिता तिवारी,निशा गुप्ता का विशेष सहयोग रहा।

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