इटावा,।शहर के प्रतिष्ठित होटल में इफको (IFFCO) द्वारा नैनो उर्वरकों पर आधारित एक महत्वपूर्ण शीत गृह व्यवसायी विचार गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों और व्यवसायियों को पारंपरिक डीएपी खाद के विकल्प के रूप में नैनो डीएपी लिक्विड उर्वरक के महत्व और प्रयोग के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम के दौरान कृषि वैज्ञानिकों और इफको के वरिष्ठ अधिकारियों ने डीएपी (Di-ammonium Phosphate) और नैनो डीएपी की विस्तृत तुलना प्रस्तुत की। किसानों को सरल भाषा में उदाहरणों के माध्यम से समझाया गया कि नैनो डीएपी तरल का उपयोग करके वे न केवल अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपनी जमीन की उर्वरक क्षमता को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

विदेशी निर्भरता को कम करने पर जोर दिया
वक्ताओं ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान में भारतीय कृषि विदेशी उर्वरकों पर अत्यधिक निर्भर हो गई है, जिसे भारत बड़ी मात्रा में विदेशों से खरीदता है और इस पर सरकार को भारी सब्सिडी देनी पड़ती है। भविष्य में डीएपी की कमी और मूल्य वृद्धि की ‘मार’ से बचने के लिए किसानों को अपनी फसल में डीएपी की मात्रा कम करने और आवश्यकतानुसार ही इसका प्रयोग करने की सलाह दी गई।
कृषि विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि अत्यधिक रासायनिक खाद के प्रयोग से जमीन के आवश्यक उर्वरक तत्व नष्ट हो जाते हैं और जमीन बंजर होने लगती है। इसलिए, किसानों को समय के साथ बदलती कृषि वैज्ञानिक तकनीक को अपनाते हुए डीएपी की जगह नैनो डीएपी लिक्विड का प्रयोग करना चाहिए।

पराली प्रबंधन और कीटनाशकों पर चर्चा की
गोष्ठी में विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों ने कीटनाशक दवाओं के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला और सुरक्षित कृषि पद्धतियों को अपनाने का आह्वान किया।
पराली (फसल अवशेष) जलाने के मुद्दे पर भी किसानों को जागरूक किया गया। बताया गया कि पराली जलाने से किसान अपने खेतों में पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण तत्वों को खत्म कर रहे हैं। इसके बजाय, कई ऐसे उत्पाद और तरीके मौजूद हैं, जिनकी सहायता से पराली को जलाने के बजाय खेत में गड्ढा करके उसे जैविक खाद में परिवर्तित किया जा सकता है। किसानों को इस सरल और पर्यावरण हितैषी विधि को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

इस महत्वपूर्ण विचार गोष्ठी में इफको के कई बड़े अधिकारी और स्थानीय व्यवसायी शामिल हुए। मंच पर मुख्य रूप से यतेंद्र कुमार (राज्य वितरण, इफ़को उत्तर प्रदेश),
राजेश अरोड़ा (शीत ग्रह संघ अध्यक्ष, इटावा),डॉ. प्रदीप कुमार (मुख्य प्रबंधक, इफ़को नई दिल्ली), डॉ. प्रहलाद (वरिष्ठ इफको प्रबंधक, आगरा), विनोद यादव (इफको आम सभा सदस्य, नई दिल्ली),
राहुल यादव आम सभा सदस्य और सौरभ पाण्डेय (क्षेत्रीय प्रबंधक, इटावा) आदि मंचासीन रहे। इनके अलावा, उमाशंकर यादव सहित 20 से अधिक शीत गृह स्वामी किसान भी उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम नैनो उर्वरकों के प्रचार-प्रसार और भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सफल कदम साबित हुआ।
