इटावा। शिक्षा, संस्कार और प्रेरणा को समर्पित एक अत्यंत भावनात्मक और गरिमामय कार्यक्रम “My Teacher My Pride” का आयोजन सोमवार को शहर के प्रतिष्ठित सत्वैक रेस्टोरेंट में किया गया। इस विशेष समारोह का मुख्य उद्देश्य समाज में गुरुजनों के अमूल्य योगदान को सम्मान देना और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करना था। शिक्षकों, प्रबुद्ध समाजसेवियों और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को एक नई ऊँचाई प्रदान की।

शिखर चतुर्वेदी ‘मेरे गुरु, मेरा गर्व’ सम्मान से अलंकृत
कार्यक्रम का केंद्र बिंदु रहे शिखर चतुर्वेदी, निदेशक – सनशाइन स्कूल, पचराहा, कुंज, इटावा, जिन्हें उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक समर्पण के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें “मेरे गुरु, मेरा गर्व” (My Teacher My Pride) सम्मान से अलंकृत किया गया।
श्री चतुर्वेदी को यह सम्मान बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें भारतीय संस्कृति और संस्कारों से जोड़ने के उनके अथक प्रयासों के लिए दिया गया। उपस्थित जनों ने एक स्वर में उनके कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और उन्हें इटावा के शिक्षा जगत के लिए सच्चा प्रेरणास्रोत बताया।
अतिथियों ने गुरु को बताया ज्ञान का दीपक
समारोह में कई गणमान्य व्यक्तियों ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की और गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व पर अपने विचार साझा किए।स्वतंत्र पत्रकार गणेश ज्ञानार्थी, वरिष्ठ पत्रकार बी एन चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार संजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र पाल सिंह,सर्प विशेषज्ञ डॉ. आशीष त्रिपाठी,सोशल मीडिया प्रभावक अंजली माथुर।सभी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “गुरु वह दीपक हैं, जो अंधकार से ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं।” उन्होंने गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को समाज की आधारशिला बताया।
