इटावा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की इटावा इकाई ने जिले में तेजी से बढ़ रहे अवैध और मानकविहीन अस्पतालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। आईएमए की नवीन कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान संगठन ने सरकार से ऐसे अस्पतालों पर कठोर कार्रवाई की मांग की। आईएमए भवन में आयोजित इस समारोह में डॉ. डी. के. दुबे को इटावा इकाई का नया अध्यक्ष चुना गया। उनके साथ अन्य पदाधिकारियों ने भी शपथ ली। समारोह के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में पदाधिकारियों ने कहा कि संगठन न केवल चिकित्सकों के हितों की रक्षा करता है, बल्कि समाज में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा सुनिश्चित करना भी उसका उद्देश्य है। आईएमए पदाधिकारियों ने कहा कि जिले में अवैध रूप से संचालित हो रहे अस्पतालों से न केवल मरीजों की जान जोखिम में है, बल्कि इससे ईमानदार डॉक्टरों की छवि भी धूमिल हो रही है। आए दिन घट रही घटनाओं के कारण जनता का विश्वास डॉक्टरों से उठता जा रहा है। जिलाध्यक्ष डॉ. डी. के दुबे ने स्पष्ट किया कि ऐसे अस्पतालों के खिलाफ जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की जाएगी और अभियान चलाकर इन्हें बंद करवाने की मांग की जाएगी। साथ ही, उन चिकित्सकों पर भी कार्रवाई की जाएगी जो इन अस्पतालों में जाकर उपचार करते हैं। आईएमए ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र का राजनीतिकरण और व्यापारीकरण हो रहा है। जगह जगह मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, लेकिन गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे कॉलेजों से निकले डॉक्टर सही स्पेलिंग तक नहीं लिख पाते। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है, जबकि ज़रूरत अच्छे डॉक्टर तैयार करने की है। इसके विपरीत मेडिकल स्टोर्स और फार्मा कंपनियों का वर्चस्व बढ़ रहा है, जो मुनाफे के चक्कर में मरीजों को अनावश्यक और महंगी दवाइयाँ बेच रहे हैं। आईएमए ने मांग की कि चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं और चिकित्सा पेशे की गरिमा को पुनः स्थापित किया जाए।
आई एम ए ने की अवैध हॉस्पिटलों पर कार्यवाही की मांग
